Bihar में जहरीली शराब से मौतों पर चौतरफा घिरे Nitish Kumar, अब सहयोगी दल BJP ने भी पूछे तीखे सवाल

नालंदा डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि अब तक 11 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, हालांकि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर ऐसा लगता है कि सभी मौतें शराब के सेवन से हुई हैं। अब तक कुल 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2022 12:38 PM IST / Updated: Jan 16 2022, 06:23 PM IST

पटना : बिहार (Bihar) के नालंदा में जहरीली शराब से हुई अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले को लेकर जहां अब तक विपक्षी दल ही नीतीश कुमार पर सवाल उठा रहे थे तो वहीं अब JDU की सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट कर नीतीश सरकार से सवाल पूछे। सहयोगी दल के इस तरह सवाल पूछे जाने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की मुश्किलें जरूर बढ़ती दिखाई दे सकती हैं।

संजय जायसवाल के प्रश्न
संजय जायसवाल ने लिखा कि नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था। आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा, क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता है तो आपके लिए अपराध है। अगर शराबबंदी लागू करनी है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए। क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है न कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबो-गरीब बीमारी से मरने का कारण बताना। 

शराब माफिया से मिला है प्रशासन - बीजेपी
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि यह साफ बताता है कि प्रशासन खुद शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छिपाने का काम कर रहा है। दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी। 10 साल की जेल इन पुलिसकर्मियों को होनी चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम चालू रख सकें। तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है। इसको पकड़ना भी बहुत आसान है। इन्हीं पुलिसकर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा। जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन ,पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा।

क्यों बढ़ा विवाद
दरअसल, पिछले साल दिवाली के दौरान डॉ. संजय जायसवाल के संसदीय क्षेत्र पश्चिम चंपारण में जहरीली शराब पीने से दर्जनभर से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद जायसवाल ने उन परिवारों से मुलाकात करके अपनी संवेदना जताई थी और आर्थिक मदद भी की थी। संजय जयसवाल के इसी कदम को लेकर 2 दिन पहले जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता अभिषेक झा ने संजय जयसवाल पर हमला करते हुए कहा था कि जब उनके संसदीय क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई थी और वह वहां पर संवेदना व्यक्त करने गए और पैसे बांटे थे। यह आचरण सरकार की नीति के हिसाब से गलत था।

अब तक 11 मौत 
वहीं, नालंदा डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि अब तक 11 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, हालांकि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर ऐसा लगता है कि सभी मौतें शराब के सेवन से हुई हैं। अब तक कुल 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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