अपनी समस्या को लेकर जनता दरबार में पहुंचे 11 फरियादी की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि तीन पुलिसकर्मी भी संक्रमित मिले हैं। सभी को तत्काल प्रभाव से क्वारंटीन कर दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री के जनता दरबार पर सवाल भी खड़े होने लगे हैं।
पटना : बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (nitish kumar) के 'जनता दरबार' में शामिल होने वाले 14 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। बता दें कि अपनी समस्या को लेकर जनता दरबार में पहुंचे 11 फरियादी की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि तीन पुलिसकर्मी भी संक्रमित मिले हैं। सभी को तत्काल प्रभाव से क्वारंटीन कर दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री के जनता दरबार पर सवाल भी खड़े होने लगे हैं।
विपक्ष ने उठाए सवाल
वहीं जनता दरबार में कोरोना केस बढ़ने पर विपक्ष ने इसके स्थगन की मांग की है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi)ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करते हुए कहा कि जनता दरबार को बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि यह राज्यहित में होगा। बता दें कि पिछले कई दिनों से जीतनराम मांझी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। अब देखना यह है कि जनता दरबार बंद करने की उनकी मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या फिर उनकी पार्टी की ओर से क्या रिएक्शन आता है।
पांच साल बाद जनता दरबार
बता दें कि मुख्यमंत्री कुमार का जनता दरबार कार्यक्रम पांच साल बाद 12 जुलाई 2021 से शुरू हुआ। शुरुआत में इस कार्यक्रम में आने वाले फरियादियों की उनके जिले में ही RTPCR टेस्ट कराई जाती थी। इसके बाद उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहनों से जनता दरबार में लाया जाता था, लेकिन राज्य में कोरोना संक्रमण का प्रभाव लगभग समाप्त होने के बाद फरियादियों के लिए परिवहन सेवा को बंद कर दिया गया। गौरतलब है कि बिहार में रविवार को कोरोना संक्रमण के कुल 352 नए मामले सामने आए हैं। इनमें पटना जिले में सबसे अधिक 142 संक्रमितों की पहचान की गई है। इसके बाद गया में संक्रमितों की संख्या 110 है।
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