जीतन राम मांझी के बिगड़े बोल, गरीबों को बताया शराब पीने का तरीका, कहा-अफसर-मंत्री की तरह थोड़ी-थोड़ी पिया करो

जीतन राम मांझी ने कहा कि राज्य के पढ़े-लिखे लोग यहां तक कि डाक्टर-इंजीनियर, मंत्री विधायक भी रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं, मगर पकड़े जाते हैं गरीब। मैं शराबबंदी का पक्षधर हूं, लेकिन इसमें संशोधन की जरूरत है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 15, 2021 5:00 PM IST / Updated: Dec 15 2021, 10:32 PM IST

पटना : बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री और हम (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने शराबबंदी को लेकर बुधवार को एक ऐसा बयान दिया जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। मांझी ने शराबबंदी कानून पर सवाल खड़े किए और कई मामलों में शराब के सेवन की अनुमति देने की अपील सरकार से की है। शराबबंदी पर समीक्षा करने की बात कहते हुए उन्होंने अफसर से लेकर मंत्रियों तक पर शराब के सेवन का आरोप लगाया है। जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में कौन नहीं जानता कि नेता, अफसर और जज जैसे बडे लोग सब शराब पीते हैं। उन्हे तो कोई गिरफ्तार नहीं करता है, लेकिन गरीबों को 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी जेल भेज दिया जाता है।

अफसर-मंत्री भी शराब पीते हैं - मांझी
जीतन राम मांझी ने कहा कि राज्य के पढ़े-लिखे लोग यहां तक कि डाक्टर-इंजीनियर, मंत्री विधायक भी रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं, मगर पकड़े जाते हैं गरीब। मैं शराबबंदी का पक्षधर हूं, लेकिन इसमें संशोधन की जरूरत है। बापू की धरती गुजरात (Gujrat) में लंबे समय से शराब बंद है। वहां सीमित मात्रा में शराब बिकती है। बिहार में भी इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए। आदिवासी और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोग देवी-देवताओं को पूजा के दौरान शराब चढ़ाते हैं। इसलिए शराबबंदी कानून पर सरकार को विचार करना चाहिए। 

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डॉक्टर-इंजीनियर की तरह शराब का सेवन करें
मांझी ने आगे कहा कि शराब पीना बुरी बात है। मेरे घर में भी शराब बनती और बिकती थी। मगर मैंने मां और बाबूजी से कहा कि इसे बंद कर दीजिए तो मैं बड़ा आदमी बनकर दिखाऊंगा। मेरे घर में शराब बननी और बिकनी बंद हो गई। परिणाम है कि आज आपके सामने खड़ा हूं। हम दोनों पिता-पुत्र ने शराब को हाथ नहीं लगाया। अपील करूंगा कि शराब का सेवन न करें। यदि करना भी है तो दवा के रूप में डॉक्टर-इंजीनियर की तरह रात में दस बजे के बाद करें। एक बोतल शराब के साथ पकड़े जाने वाले लोगों को जेल में डाल दिया जाता है। इसपर विचार करने की जरूरत है। सौ -दो सौ लीटर शराब के साथ पकड़े जाने वाले लोग जेल भेजे जाएं। अपने लिए एक बोतल शराब खरीदने वालों को जेल भेजना जायज नहीं है।

शराब को दवा की तरह पीने से फायदा
जीतन राम मांझी ने कहा कि मेडिकल साइंस ने ये बता दिया कि कम मात्रा में शराब पीना शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए गरीब-कमजोर तबके के लोगों को ज्यादा मात्रा में नहीं बल्कि कम मात्रा में शराब पीना चाहिए। मांझी ने कहा कि ये बेहद अफसोस की बात है कि बिहार की सरकार 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी लोगों को पकड़ कर जेल भेज देती है। उन्होंने दावा किया है कि बिहार के जेलों में लाखों लोग शराब के आरोप में जेल में बंद हैं, उनमें से 70 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो आधा लीटर से भी कम शराब के आरोप में जेल भेज दिए गए हैं।

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