जीतन राम मांझी का विवादित बयान, सत्यनारायण कथा पर उठाए सवाल, पंडितों के लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल

 जीतन राम मांझी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- माफ कीजिएगा, लेकिन आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म के प्रति लगाव होता जा रहा है। पहले हमलोग सत्यनारायण भगवान पूजा का नाम नहीं जानते थे। आज हर जगह हम लोगों के टोला में सत्यनारायण भगवान की पूजा होता है। 

पटना : अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बिहार (bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) एक बार फिर विवादों में हैं। गरीबों को थोड़ी-थोड़ी शराब पीने की नसीहत वाले उनके बयान पर अभी सियासत कम नहीं हुई कि उन्होंने एक और विवादित बयान दे डाला। इस बार उनके निशाने पर आए हैं ब्राह्मण। शनिवार को पटना भारतीय मुसहर भुइया परिवार का वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ब्राह्मणों के बारें अपमानजनक शब्द कहें। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनका यह वीडियो वायरल हो गया। हालांकि Asianet Hindi इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता लेकिन इस वीडियो की सोशल मीडिया पर खूब निंदा हो रही है।

वायरल वीडियो में क्या है 
दरअसल, जीतन राम मांझी पटना में आयोजित भुइया मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह वीडियो इसी कार्यक्रम का बताया जा रहा है। जीतन राम मांझी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- माफ कीजिएगा, लेकिन आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म के प्रति लगाव होता जा रहा है। पहले हमलोग सत्यनारायण भगवान पूजा का नाम नहीं जानते थे। आज हर जगह हम लोगों के टोला में सत्यनारायण भगवान की पूजा होता है। इस दौरान उन्होंने पंडितों को लेकर अपमानजनक शब्द का भी इस्तेमाल किया।

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बचाव में उतरी पार्टी
वहीं मांझी के इस बयान के तूल पकड़ने के बाद उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने उनका बचाव किया है। दानिश का कहना है कि मांझी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। सभी संप्रदाय और तमाम जातियों के प्रति उनकी आस्था है। उन्होंने स्पष्ट तरीके से कहा है कि कुछ लोग ब्राह्मण भाइयों को अपने घर में बुलाते हैं मगर वह ब्राह्मण उन गरीबों के घर में खाना भी नहीं खाते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें पैसा दे दिया जाता है।

कोर्ट जाएगा ब्राह्मण समाज
वहीं जीतनराम मांझी के इस बयान का ब्राह्मण समाज ने विरोध जताया है। मांझी के इस बयान से ब्राह्मणों में काफी आक्रोश है। राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा परशुराम सेवा संस्थान ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। संस्थान की तरफ से जीतन राम मांझी से माफी मांगने की मांग की गई है। संगठन का कहना है कि मांझी ने इस बयान से ब्राह्मण समाज का अपमान किया है। वे इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

शुक्रवार को शराब को लेकर दिया था विवादित बयान
बता दें कि जीतन राम मांझी ने बीते शुक्रवार को बगहा में शराबबंदी को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि शराब पीना गलत नहीं है, मेडिकल सांइस भी यही कहता है कि थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शराब का सेवन करना लाभदायक है। उन्होंने यह भी कहा था कि डीएम-एसपी से लेकर विधायक और मंत्री तक शराब पीते हैं, उन्हें तो कोई गिरफ्तार नहीं करता है। बड़े-बड़े अफसरों के साथ-साथ मंत्री-विधायक रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं लेकिन शराबबंदी कानून की आड़ में गरीबों और दलितों को पकड़कर जेल में डाला जा रहा है। आधा बोतल और एक बोतल शराब का सेवन करने पर जेल भेजा जा रहा है। अगर कोई 50 लीटर 100 लीटर के साथ पकड़ में आ रहा है तो उसको जेल भेजो।

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