यहां होटलों में नहीं मिल रही चीनी सैलानियों को इंट्री, होटल मालिकों ने चस्पा किया टूरिस्ट नॉट एलाऊ का नोटिस


दुनियाभर के बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बोधगया आस्था का केंद्र है। इसी जगह भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यही कारण है कि दुनियाभर से बौद्ध धर्म के लोग महाबोधी मंदिर आते हैं। चीन में बौद्ध धर्म को मानने वालों की बड़ी संख्या है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 27, 2020 12:54 PM IST / Updated: Jun 27 2020, 08:14 PM IST

बोधगया (Bihar) । चीन से गलवान घाटी में हुए संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके विरोध में बोधगया के होटल मालिकों ने बड़ा निर्णय लिया है। वे चीनी सैलानियों का बहिष्कार कर रहे हैं। इसके लिए अपने होटल के बाहर नोटिस भी लगा दिए हैं, जिसमें चायनीज टूरिस्ट नॉट एलाऊ और बायकॉट चाइना गेस्ट जैसे शब्द लिखे गए हैं। बता दें कि बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधी मंदिर में हर साल हजारों चीनी नागरिक भगवान बुद्ध के दर्शन करने आते हैं। इतना ही नहीं यहां के लोग पहले चीनी नागरिकों का अतिथि देवो भव: के संस्कार के अनुरूप स्वागत करते थे। 

होटल एसोसिएशन ने कही ये बातें
बोधगया होटल एसोसिएशन के महासचिव सुदामा कुमार ने कहा कि चीन की हरकत की समूचे विश्व मे निंदा हो रही है। अमेरिका, रूस, जापान जैसे समृद्ध राष्ट्र समेत दुनियाभर के देश आज भारत के पक्ष में खड़े हैं। बोधगया होटल एसोसिएशन ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन के साथ मिलकर देशहित में चीनी उत्पादों और चीनी पर्यटकों का बोधगया में बहिष्कार का निर्णय लिया है।

आस्था का केंद्र है बोधगया
दुनियाभर के बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बोधगया आस्था का केंद्र है। इसी जगह भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यही कारण है कि दुनियाभर से बौद्ध धर्म के लोग महाबोधी मंदिर आते हैं। चीन में बौद्ध धर्म को मानने वालों की बड़ी संख्या है।

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