2 साल पहले स्टेशन से खो गया था बच्चा, मिलने पर 2 दंपतियों ने किया दावा, फिर..

बच्चे के माता-पिता का पता लगाने के लिए पांच ब्लड सैंपल लिए गए। बच्चे के अलावा दावा करनेवाले दोनों दंपतियों के ब्लड सैंपल को डीएनए लैब भेजा गया। सभी ब्लड सैंपल की प्रोफाइलिंग की गई और उनके डीएनए का मिलान किया गया। इनमें वैशाली के रहने वाले दंपती से बच्चे का डीएनए मैच कर गया। यानी बच्चे के असली माता-पिता वही थे। वहीं डीएनए रिपोर्ट के बाद दूसरे दंपती का दावा खारिज हो गया।

Asianet News Hindi | Published : Jun 13, 2020 1:58 PM IST / Updated: Jun 13 2020, 07:29 PM IST

पटना (Bihar) । रेलवे स्टेशन से खो गए बच्चे के मिलने के बाद दो मां-बाप अपना दावा करने लगे। जिसे लेकर पुलिस और बाल कल्याण समिति मुश्किल में पड़ गई। बच्चे के माता-पिता कौन हैं, इसे जानने के लिए डीएनए जांच कराना पड़ा। पांच लोगों के डीएनए टेस्ट के बाद बच्चे के असली माता-पिता की पहचान हो सकी। बता दें कि एक ही स्टेशन से जून 2018 दो महिलाओं के बच्चे चोरी चोरी हो गए थे। वे पुरानी तस्वीरों के आधार पर बरामद हुए एक बच्चे को अपना बता रहे थे। फिलहाल, अब बच्चे को उसके असली माता-पिता तक पहुंचा दिया गया।

यह है पूरा मामला
महिला वैशाली से पटना जिले में स्थित अपने मायके जा रही थी। पटना के बंकाघाट रेलवे स्टेशन पर मां के साथ जा रहा मासूम गुम हो गया था। इस संबंध में बंकाघाट जीआरपी में बच्चे के अपहण की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जीआरपी ने कई महीनों की तलाश के बाद पिछले साल बच्चे को ढूंढ़ निकाला। वह पटना के एक संस्थान में मिला। जीआरपी ने बच्चे को उसके घरवालों को सौंपने की पहल की तो पता चला कि औरंगाबाद के एक दंपती ने अपना संतान बताते हुए उसपर दावा किया है। दावों के आधार पर बच्चा किसी एक दंपती को नहीं सौंपा जा सकता था। मामला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के पास पहुंचा। दंपतियों के दावे को जांचने के लिए समिति ने डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया। रिपोर्ट आने तक बच्चे को समिति के निगरानी में रखा गया। 

इस तरह हुआ खुलासा
बच्चे के माता-पिता का पता लगाने के लिए पांच ब्लड सैंपल लिए गए। बच्चे के अलावा दावा करनेवाले दोनों दंपतियों के ब्लड सैंपल को डीएनए लैब भेजा गया। सभी ब्लड सैंपल की प्रोफाइलिंग की गई और उनके डीएनए का मिलान किया गया। इनमें वैशाली के रहनेवाले दंपती राजेश और रागिनी देवी (काल्पनिक नाम) से बच्चे का डीएनए मैच कर गया। यानी बच्चे के असली माता-पिता वही थे। वहीं डीएनए रिपोर्ट के बाद दूसरे दंपती का दावा खारिज हो गया।

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