
पटना (बिहार). लालू प्रसाद यादव को लागातार 12वीं बार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। उन्हें निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। जब से पार्टी की स्थापना हुई है तब से लालू प्रसाद यादव की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। देश की राजधानी दिल्ली के बिट्ठल भाई पटेल भवन में आयोज राजद के कार्यक्रम में लालू यादव ने नामांकन किया। हालांकि यह चुनाव मात्र औपचारिक था। किसी और ने उनके खिलाफ नामांकन नहीं किया। उन्हें निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। पहले राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष दो साल के लिए चुने जाते थे। लेकिन 2010क के बाद तीन साल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन किया जाने लगा। जानकारी हो कि लालू प्रसाद यादव की तबीयत ठीक नहीं है। वे किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर जाने वाले हैं। फिल्हाल वे दिल्ली में ही हैं।
पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन भरा गया
ऐसा पहली बार है कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन भरा गया। नामांकन सिर्फ लालू प्रसाद यादव ने ही भरा। राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद लालू प्रसाद यादव को तीन फीट का लकड़ी का लालटेन दिया जाएगा। लालटेन पार्टी का चिन्ह है। जानकारी हो कि राजद पार्टी की स्थापना 5 जुलाई 1997 में हुई थी। तब से लालू यादव ही पार्टी के अध्यक्ष हैं। राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक का कहा है कि पार्टी का अधिवेशन दिल्ली में होगा। राजद को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए यह आयोजन दिल्ली में किया जा रहा है। इसके लिए राजद के कई बड़े नेता दिल्ली में है। अब्दुलबारी सिद्दकी, बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह आदि अधिवेशन में शामिल होने दिल्ली गए हैं।
आरएसएस पर भी लगे बैन
इधर, लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्विटर पर कहा है कि पीएफआई की तहर जितने भी नफरत और द्वेष फैलाने वाले संगठन है। सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। जिसमें आरएसएस भी शामिल है। सबसे पहले आरएसएस को बैन करिए। ये उससे भी बदतर संगठन है। उन्होंने कहा है कि आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है। सनद रहे, सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था। लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि राजद नीतिश कुमार के साथ मजबूती से खड़ा है।
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