Lalu Prasad Yadav case : HC की सीधी टिप्पणी-Government कानून से चलती है, व्यक्ति विशेष से नहीं

कोर्ट ने कहा कि रिम्स प्रबंधन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि लालू प्रसाद को निदेशक बंगला में शिफ्ट करने के पहले और कौन से विकल्पों पर विचार किया था। निदेशक बंगले को ही क्यों चुना गया। रिम्स निदेशक को कुछ और विकल्पों पर गौर करना चाहिए था। नियमों और प्रावधानों के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए था। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2021 9:05 AM IST / Updated: Jan 08 2021, 02:45 PM IST

पटना (Bihar) । आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav से जुड़े मामले की आज झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह (Justice Aparesh Kumar Singh) की अदालत ने जेल मैनुअल उल्लंघन से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार कानून से चलती है, व्यक्ति विशेष से नहीं। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 22 जनवरी तय कर दी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने सरकार से लालू प्रसाद यादव के रिम्स के पेइंग वार्ड से केली बंगला और बंगले से वार्ड में शिफ्ट होने पर विस्तृत जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने पूछा था कि किसके आदेश और किसके निर्णय से ऐसा किया गया था।

इसलिए निदेशक बंगले में शिफ्ट किए थे लालू
कोर्ट को बताया गया कि रिम्स प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लालू प्रसाद को निदेशक बंगले में शिफ्ट किया था। कोर्ट को बताया गया कि जेल से बाहर ईलाज के लिए यदि कैदी शिफ्ट किए जाते हैं तो उसकी सुरक्षा और उसके लिए क्या व्यवस्था होगी। इसका स्पष्ट प्रावधान जेल मैनुअल में नहीं है। जेल के बाहर सेवादार दिया जा सकता है या नहीं इसका भी जेल मैनुअल में स्पष्ट प्रावधान नहीं है। इसकी एसओपी भी नही है। 

इस वजह से कोर्ट ने तय की अगली तारीख
सरकार अब जेल मैनुअल को अपडेट कर रही है और एसओपी भी तैयार कर रही है। एसओपी तैयार होने  के बाद उसी के अनुसार सभी प्रावधान किए जाएंगे। इस पर अदालत ने सरकार को 22 जनवरी को एसओपी पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। दिसंबर में इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को लालू प्रसाद से तीन माह में मुलाकात करने वालों की सूची मांगी थी।

कोर्ट ने पूछा था ये सवाल
कोर्ट ने कहा कि रिम्स प्रबंधन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि लालू प्रसाद को निदेशक बंगला में शिफ्ट करने के पहले और कौन से विकल्पों पर विचार किया था। निदेशक बंगले को ही क्यों चुना गया। रिम्स निदेशक को कुछ और विकल्पों पर गौर करना चाहिए था। नियमों और प्रावधानों के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए था। 

(फाइल फोटो)

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