डोरंडा ट्रेजरी केस बहुचर्चित चारा घोटाले में से एक मामला है। 1990-92 के बीच चाईबासा ट्रेजरी से अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़ा करते हुए 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था।
रांची/पटना. देश के सबसे बड़े और बहुचर्चित चारा घोटाले के एक केस डोरंडा ट्रेजरी मामले में आज मंगलवार को RJD सुप्रीमों और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को सीबीआई की विशेष आदालत ने दोषी ठहराया है। इस मामले में सजा का ऐलान 6 दिन बाद यानि 21 फरवरी को होगा। बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी मामले में शुरुआत के समय टोटल 170 आरोपी थे। लेकिन इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
अब इसमें लालू यादव समेत 99 आरोपी
दरअसल, डोरंडा ट्रेजरी केस बहुचर्चित चारा घोटाले में से एक मामला है। 1990-92 के बीच चाईबासा ट्रेजरी से अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़ा करते हुए 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था। इस केस में 10 महिलाएं भी आरोपी है। मामले में चार राजनीतिज्ञ, दो वरीय अधिकारी, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी स्तर के और 53 आपूर्तिकर्ता आरोपी बनाए गए हैं। अब मामले में लालू यादव समेत 99 आरोपी हैं।
स्कूटर-मोपेड से ढोये गये थे सांड और हाईब्रिड भैंस
जांच रिपोर्ट में बताया गया था कि पशुपालन विभाग के पदाधिकारियों-कर्मचारियों, राजनेताओं और आपूर्तिकर्त्ताओं ने फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया था। घोटाले में कुछ ऐसे दस्तावेज भी सीबीआई को हाथ लगे थे जिसमें 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया था। बता दें कि फर्जी बिल के आधार पर पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं थीं। कुल मिलाकर करोड़ों रुपये की निकासी की गई थी। इन वाहनों के नंबर छानबीन सामने आए थे।
15 साल, 575 गवाह
बता दें कि डोरंडा कोषागार मामले में 575 गवाहों का बयान दर्ज कराने में CBI को 15 साल लग गए। मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान जैसे ही लालू को दोषी करार देने की खबर आहर आई, उनके समर्थकों में मायूसी छा गई। यहां लालू के समर्थकों की भारी भीड़ देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। इस मामले में 29 जनवरी को CBI के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद कोर्ट ने 15 फरवरी को फैसले की तारीख तय की थी। सुनवाई के चलते दो दिन पहले ही लालू रांची पहुंच गए थे। लालू फिलहाल चारा घोटाले के अन्य मामलों में जमानत पर बाहर थे, लेकिन इस फैसले की वजह से उन्हें फिर से जेल जाना होगा। फैसले के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
अब तक लालू यादव 6 बार जेल भी जा चुके
चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं। उनसे जुड़ा यह पांचवां केस है। इससे पहले चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े 2 केस और देवघर- दुमका के एक-एक केस में लालू को सजा मिल चुकी है। सीबीआई की अलग-अलग अदालतों ने लालू प्रसाद और अन्य आरोपियों को दोषी माना है। अब तक लालू यादव 6 बार जेल भी जा चुके हैं। अभी दुमका ट्रेजरी मामले में जमानत पर बाहर हैं।
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