सार
लालू यादव के फैसले की तारीख तय होते ही लालू परिवार एक बार फिर से मुश्किल में दिख रहा है। राजद के नेता और कार्यकर्ता भी खामोश हैं। यूं कहें कि इस फैसले के आते ही बिहार की राजनीति में खलबली मच सकती है। फिलहाल इस मामले को लेकर ना तो पार्टी कुछ बोल रही है और ना ही उनके परिवार का अभी तक कोई बयान सामने आया है।
पटना (बिहार). राष्ट्रीय जनता दल यानि राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। बताया जा रहा है कि उनको चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में एक जेल भेजा जा सकता है। जिसको लेकर उनकी जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है। क्योंकि इस केस में 15 फरवरी को रांची की निचली अदालत फैसला सुनाने वाली है। इसी के चलते अब बिहार की सिसायत में चर्चा होने लगी है कि लालू अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव (tejashwi yadav) को पार्टी की बागडोर सौंप सकते हैं।
15 दिन बाद लालू की किस्मत का होगा फैसला
दरअसल, यह मामला चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है। जिसका फैसला 12 दिन बाद सीबीआइ की विशेष अदालत के जज एसके शशि इसमें फैसला सुनाने वाले हैं। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि लालू को इस आखिरी मामले में जेल यात्रा करनी पड़ सकती है।
इस फैसले के आते ही बिहार की राजनीति में मचेगी खलबली
लालू यादव के फैसले की तारीख तय होते ही लालू परिवार एक बार फिर से मुश्किल में दिख रहा है। राजद के नेता और कार्यकर्ता भी खामोश हैं। यूं कहें कि इस फैसले के आते ही बिहार की राजनीति में खलबली मच सकती है। फिलहाल इस मामले को लेकर ना तो पार्टी कुछ बोल रही है और ना ही उनके परिवार का अभी तक कोई बयान सामने आया है। क्योंकि अभी तक बिहार की राजनीति लालू प्रसाद पर ही केंद्रित रहती है, भले ही वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं।
लालू इस बैठक में ले सकते हैं बड़ा फैसला
बता दें कि लालू यादव के फैसले से 5 दिन पहले यानी 10 फरवरी को आरजेडी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राजधानी पटना में बुलाई गई है। बताया जा रहा है कि इस इमरजेंसी बैठक में खुद लालू यादव भी शामिल होने वाले हैं। परिवार में इस बात को लेकर तैयारी चल रही है कि कहीं लालू को जेल हो जाती तो उनके जान के बाद पार्टी संभालने की जिम्मेदारी किसकी होगी। साथ यह भी कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में लालू खुद पार्टी की कमान अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सौंपने वाले हैं। हो सकता है कि इस दिन तेजस्वी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन जाएं।
यह चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला
चारा घोटाले के पांचों मामलों में से यह मामला सबसे बड़ा मामला है। रांची जिले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ का स्कैम हुआ था। इसी केस में ही अन्य मामलों से ज्यादा रकम की निकासी हुई थी। इस मामले में शुरू में 170 आरोपित बनाए गए थे। इसमें 55 की अबतक मौत हो चुकी है। वहीं 6 आरोपित फरार चल रहे हैं। लालू पहले से ही चारा घोटाले के 4 मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद सजायाफ्ता हैं। वह अभी अपने हेल्थ की वजह से जमानत पर जेल से बाहर हैं। 4 मामलों में उनको टोटल 27 साल की सजा हुई है।