कोरोना से बचाव के लिए जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच सभी तरह से कार्यक्रम स्थगित अथवा रद्द किए जा रहे हैं। लेकिन इस बीच पहले से प्रस्तावित शादी-विवाह जैसे आयोजन वीडियो क्रॉफ्रेंसिंग के जरिए संपन्न हो रहा है। ताजा मामला बिहार के बेगूसराय का है।
बेगूसराय। तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है। इस कारण पहले से नियोजित निजी अथवा सार्वजनिक कार्यक्रम रोके जा रहे हैं। लेकिन शादी-विवाह जैसे कार्यक्रमों को आधुनिक तकनीक के जरिए संपन्न कराया जा रहा है। ताजा मामला बेगूसराय का है। जहां की दो बेटियां वीडियो क्रॉफ्रेंसिंग के जरिए गया और नालंदा की बहू बनीं। इस शादी में ना तो बैंड बजा ना ही बारात आई और न ही किसी प्रकार का अपव्यय हुआ। दरअसल, बेगूसराय के छोटी बलिया में एक ही परिवार की दो बेटियों की शादी वीडियों काउंफ्रेंसिंग के जरिए गया व नालंदा जिला में हुई। अब यह शादी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
25 मार्च को एक दूजे के हुए दूल्हा-दुल्हन
छोटी बलिया मिदहटोला निवासी मोहम्मद वली अहमद कुरैशी की दो बेटियों नगमा परवपीन और राहत परवीन की शादी 25 मार्च को नालंदा के शमशाद और गया के शाहवान आलम के साथ तय हुई थी। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में टोटल लॉकडाउन लागू कर दिया गया। इस वजह से मुकर्रर समय पर बारात नहीं पहुंच सकी और विवाह को टालने की नौबत आ गई। इसके बाद दोनों परिवार ने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया और वीडियो काउंफ्रेंसिंग पर निकाहनामा पढ़ कर शादी रचाई गई।
कैंसिल हुई 400 लोगों की दावत
टोटल लॉकडाउन के बाद दूल्हे के संग बारात नहीं आने की सूरत पर वधू पक्ष को 400 लोगों तैयार दावत को रद्द करना पड़ा। बारात नहीं आने की वजह से लड़की वालों के दावत का पैसा बच गया। वहीं वर पक्ष के गाड़ियों का भाड़ा भी नहीं लगा और दोनों ही परिवार वाले अपव्यय से बच गए। वहीं इस शादी ने कोरोना से बचने के लिए सोशल टिस्टेंसिंग का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। बता दें कि कुछ दिनों पहले पटना में ही वीडियो क्रॉफ्रेंसिंग के जरिए शादी संपन्न हुई थी।