गरीब की अधूरी रह गई बच्चों से मिलने की इच्छा, 1500 KM साइकिल चलाकर गांव पहुंचा, मगर...

मामला बिहार के मधुबनी जिले का है। जहां के सिकटियाही गांव निवासी देवनारायण साह अपने दो दोस्तों के साथ चंडीगढ़ से 1500 किलोमीटर की दूरी तय साइकिल से गांव पहुंचा था। 

मधुबनी। लॉकडाउन-3 में मिली ढील के बाद प्रवासी मजदूरों के बिहार आने का सिलसिला जारी है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन के साथ-साथ अपने-अपने साधन से भी आ रहे हैं। मधुबनी के खुटौना क्षेत्र के सिकहिटाही गांव निवासी देवनारायण साह अपने दो दोस्तों के साथ चंडीगढ़ से मधुबनी तक की करीब 1500 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से पूरी की थी। लेकिन गांव आने के बाद उसे क्वारेंटाइन सेंटर में रख दिया गया था। जहां पेट दर्द की समस्या के बाद उसकी मौत हो गई। वो अपने बच्चों से मिलने का अधूरा सपना लिए इस दुनिया से चला गया। 

चंडीगढ़ में मजदूरी करता था देवनारायण
मृतक देवनारायण साह की उम्र करीब 50 साल थी। वह मधुबनी जिले के खुटौना थाना क्षेत्र के सिकटियाही गांव का निवासी था। देवनारायण गांव में रोजगार का साधन नहीं होने और बच्चों को बेहतर परवरिश देने की ख्वाहिश लिए चंडीगढ़ में मजदूरी करता था। लेकिन कोरोना बंदी में बेरोजगार होने के बाद उन्होंने घर लौटने की ठानी और साइकिल से निकल पड़े 1500 किलोमीटर की लंबी यात्रा जो उनके घर पहुंचने पर भी पूरी नहीं हो सकी। 

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30 अप्रैल को दो दोस्तों के साथ पहुंचा मधुबनी
देवनारायण को जब घर लौटने के लिए चंडीगढ़ से कोई सवारी नहीं मिली तो उन्होंने साइकिल से इस दूरी को तय करने ठानी, इस सफर में उनके दो और दोस्त थे। घर पहुचंने का उनका जज्बा ऐसा थी कि वे 30 अप्रैल को मधुबनी पहुंचे और वहां उन्हें गांव के ही मिडिल स्कूल में क्वारेंटाइन कर दिया गया।  

चार दिन बाद क्वारेंटाइन से मिलने वाली थी छुट्टी
परिजनों के मुताबिक क्वारेंटाइन सेंटर में करीब 10 दिन बीच चुके थे। उन्हें अगले चार बाद सेंटर से छुट्टी मिलने वाली थी। लेकिन शनिवार की शाम तबीयत खराब हो गई। डाॅक्टर्स के मुताबिक देवनारायण साह को उल्टी और पेट खराब होने की शिकायत की थी। इलाज चल रहा था लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। डॉक्टरों का कहना है कि उसमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं था, लेकिन जांच के लिए उसका सैंपल ले लिया गया है। 

मुआवजे की मांग को लेकर रोड किया जाम
देवनारायण की मौत के बाद ग्रामीणों ने मृतक के परिवार के लिए सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है। रविवार को पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने खुटौना- फुलपरास मार्ग को छरापट्टी के पास कुछ देर के लिए जाम कर दिया था। इसके बाद मौके पर पहुंचे बीडीओ ने लोगों को आश्वासन दिया। इसके बाद जाम हटाया जा सका।

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