पटना के कई इलाकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लापता होने के पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर पर लगवाने वाले का नाम नहीं है। कैब और एनआरसी के मामले में नीतीश की चुप्पी पर इस पोस्टर के जरिए सवाल उठाया गया है।
पटना। नागरिकता संशोधन बिल (कैब) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) का पूरे देश में विरोध हो रहा है। बिहार इस विरोधी बयार से अछुता नहीं है। बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद के अलावा अन्य राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन अपने-अपने तरीके से विरोध जता रहे है। कैब और एआरसी के मुद्दे पर अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई बयान सामने नहीं आया है। उनकी इस चुप्पी के बीच पटना के कई इलाकों में मुख्यमंत्री के लापता होने का पोस्टर लगाया गया है। पोस्टर में नीतीश कुमार को लापता बताया गया है। एक पोस्टर में नीतीश की तस्वीर के ठीक ऊपर लापता लिखा गया है और नीचे संदेश लिखा गया है कि ध्यान से देखिए इस चेहरे को, कई दिनों से ना दिखाई दिया ना सुनाई दिया। ढूंढने वाले का बिहार सदा आभारी रहेगा।
राजद सहित अन्य विपक्ष दल लगातार कर रहे हैं विरोध
समाचार एजेंसी एएनआई ने पटना के चार अलग-अलग चौक-चौराहों पर लगे नीतीश के लापता पोस्टर की तस्वीर ट्विट करते हुए मामले की जानकारी दी। बता दें कि कैब और एनआरसी के विरोध में बिहार के हर जिले में मार्च निकाला जा रहा है, धरना दिया जा रहा है, लोकतांत्रिक तरीके से डीएम को ज्ञापन दिया जा रहा है। सोमवार को पूर्णिया में और उससे पहले बेगूसराय में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के नेतृत्व में बड़ी विरोध रैली निकली थी। राजद 21 दिसंबर तक कैब-एनआरसी विरोध के लिए बिहार बंद बुला चुका है।
हरियाली मिशन में व्यस्त हैं सीएम नीतीश कुमार
अन्य राजनीतिक दलें भी इसका विरोध कर रही है। इस मुद्दे पर जदयू भी दो खेमे में बंटा नजर आता है। लेकिन अभी तक सीएम की ओर से कोई बयान नहीं आया है। जिसके बाद उनके लापता होने के पोस्टर पटना में लगाए गए। दूसरी ओर इस विरोध से दूर नीतीश कुमार इन दिनों जल-जीवन-हरियाली मिशन के काम में लगे हैं। इस यात्रा में वो सूबे के सभी जिलों में जा रहे हैं और वहां जलसोत्रों के संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के लिए चल रही योजनाओं का कामकाज देख रहे हैं।