कोरोना राहत कोष में फंडिंग को लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गई है। किशनगंज के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक मो. तौसीफ आलाम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर विधायक विकास निधि से दिए 50 लाख रुपए वापस देने की मांग की है।
किशनंगज। बिहार में कोरोना राहत कोष में फंडिंग को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। ताजा मामला किशनगंज का है, जहां कांग्रेसी विधायक ने सीएम राहत कोष में दिए अपने पैसे वापस देने की मांग की है। दरअसल, किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक मो. तौसीफ आलम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनसे अपनी विधायक निधि से कोरोना कोष में दिए 50 लाख रुपए वापस मांगे हैं। विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उनके क्षेत्र में राहत काम नहीं करने का भी आरोप लगाया है।
90 प्रतिशत लोगों को नहीं मिली राहत सामग्री
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विधायक तौसीफ आलम ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के 90 प्रतिशत जरूरतमंदों को राहत सामग्री सरकार ने मुहैया नहीं कराई है। ऐसे हाल में सरकार उनका 50 लाख वापस करें जिसके बाद वे खुद इलाके में राहत कार्य चलाएंगे। विधायक ने सीएम को लिख पत्र में सरकार के राहत कार्य को विफल करार दिया है। तौसीफ आलम ने कहा है कि जिस मकसद से उन्होंने अपने विधायक निधि की राशि राहत कोष में दी थी, वह पूरा नहीं हो रहा है। विधायक की यह चिट्ठी फिलहाल चर्चा में है।
15 साल से विधायक हैं तौसीफ आलम
विधायक तौसीफ आलम साल 1998 में राजनीति में शामिल हुए। 2000 से 2004 के बीच वे मुखिया बने। इसके बाद वर्ष 2005 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हाथ थाम और पहली बार विधायक बने। तौसीफ आलम पिछले 15 सालों से लगातार बहादुरगंज के विधायक के कुर्सी पर काबिज हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के अवध बिहारी सिंह को 13 हजार 942 मतों से पराजित किया था। तौसीफ आलम का क्षेत्र में अच्छा जनाधार है। अब कोरोना फंड में दिए राहत राशि को वापस मांगने से राज्य के अन्य विधायकों के भी पैसा मांगने का सिलसिला शुरू हो सकता है।