NDA में दरार! बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू ने किया ऐलान-मोदी कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगे

JDU not to join Modi Government: जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन ने यह भी कहा कि पार्टी से आरसीपी सिंह का बाहर निकलना अपेक्षित था क्योंकि उनका शरीर यहां था लेकिन उनकी आत्मा कहीं और थी।
 

पटना। बिहार में एनडीए (NDA) के गठबंधन दलों में सबकुछ ठीक नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जद (यू) ने रविवार को बड़ा ऐलान किया है। जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने स्पष्ट किया कि पार्टी, केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होगी। केंद्र सरकार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के आरसीपी सिंह (RCP Singh) शामिल हुए थे लेकिन बीते दिनों राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने और दुबारा सांसद नहीं बनाए जाने के पार्टी के निर्णय के बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा था। 

आरसीपी सिंह का शरीर यहां था, आत्मा कहीं और थी

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पटना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन ने यह भी कहा कि पार्टी से आरसीपी सिंह का बाहर निकलना अपेक्षित था क्योंकि उनका शरीर यहां था लेकिन उनकी आत्मा कहीं और थी।

लेकिन एनडीए में सबकुछ ठीक?

जद (यू) अध्यक्ष ने कहा कि हम 2019 के अपने रुख पर कायम हैं, जब लोकसभा चुनाव के बाद हमने केंद्र में सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला किया था। हालांकि, उन्होंने अपनी पार्टी और भाजपा के बीच 'सब ठीक है' पर जोर दिया। जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ने बीजेपी और जदयू के बीच दरार की अटकलों को खारिज कर दिया। 

दरअसल, जदयू और बीजेपी के बीच हाल के घटनाक्रम के बाद सबकुछ ठीक नहीं होने की बात कही जा रही थी। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि नीतीश कुमार जल्द एनडीए छोड़ सकते हैं। बीते एक महीना में नीतीश कुमार दो बार पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग को छोड़ चुके हैं। हालांकि, नीति आयोग की मीटिंग में नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोविड को वजह बताया है।

आरसीपी के जदयू छोड़ने के बाद बीजेपी से दूरियां और बढ़ी

बता दें कि जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह, केंद्र सरकार में मंत्री भी थे। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार की इच्छा के विपरीत वह केंद्र सरकार में मंत्री बने थे। लेकिन जद (यू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को पार्टी द्वारा एक और राज्यसभा कार्यकाल से इनकार करने के बाद अपना कैबिनेट बर्थ छोड़ना पड़ा था। इसके बाद आरसीपी सिंह की मुश्किलें और उस समय बढ़ गई जब उनके खिलाफ जमीन खरीदने के आरोप लगे। बताया जा रहा है कि नौ साल में आरसीपी सिंह ने अपनी पत्नी व दो बेटियों, जिसमें एक आईपीएस बेटी लिपि सिंह भी शामिल हैं, के नाम पर करीब 58 प्लॉट्स रजिस्ट्री कराई है। आरोप है कि आरसीपी ने चालीस बीघा जमीन खरीदे हैं। पार्टी ने इन आरोपों पर जांच भी कराया। इसके बाद आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस जारी कर यह पूछा गया था कि जमीन खरीदने का स्रोत क्या है। पार्टी की नोटिस का जवाब देने की बजाय आरसीपी सिंह ने शनिवार को पार्टी छोड़ दिया था।

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