अब राबड़ी देवी की बढ़ी मुश्किलें, किसी भी समय छोड़ना पड़ सकता है पद, ये है वजह

विधानपरिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि है नेता प्रतिपक्ष के लिए सदन में दस प्रतिशत सदस्य की संख्या जरूरी होती है। अब ये संख्या राजद के पास नहीं है। ऐसे में अब तो राजद के पास नेता प्रतिपक्ष का पद रहने का कोई सवाल नहीं है। आगे प्रक्रिया के तहत इसपर कार्रवाई की जाएगी।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 23, 2020 9:48 AM IST / Updated: Jun 23 2020, 04:10 PM IST

पटना (Bihar) आज राजद के आठ में से पांच एमएलसी जदयू में शामिल हो गए। वहीं, राजद के पांच एमएलसी आने से जेडीयू सदन की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। इतना ही नहीं माना जा रहा है कि अब राबड़ी देवी की विधान परिषद में विपक्ष की नेता वाली कुर्सी किसी भी समय छीन सकती है, क्योंकि विपक्ष के नेता के लिए 8 सीटें होनी चाहिए, जबकि राजद के पास सिर्फ तीन ही सीटें रह गई हैं। बता दें कि कि बिहार विधान परिषद में कुल 75 सीटें है। 

विधान परिषद सभापति ने कही ये बात
विधानपरिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि है नेता प्रतिपक्ष के लिए सदन में दस प्रतिशत सदस्य की संख्या जरूरी होती है। अब ये संख्या राजद के पास नहीं है। ऐसे में अब तो राजद के पास नेता प्रतिपक्ष का पद रहने का कोई सवाल नहीं है। आगे प्रक्रिया के तहत इसपर कार्रवाई की जाएगी।

विधान परिषद में अभी 29 सीटें खाली
बिहार विधान परिषद में अभी 29 सीटें खाली है। इसमें 12 मनोनयन कोटा, 9 विधानसभा, चार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और चार स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के हैं। वर्तमान में जदयू के 20, भाजपा के 16, राजद के तीन, लोजपा और हम के एक-एक, कांग्रेस के दो और निर्दलीय दो विधान परिषद सदस्य हैं।

राजद में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
लालू प्रसाद के करीबी और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया है। रघुवंश प्रसाद सिंह राजद में बड़े सवर्ण चेहरे हैं और ऊंची जातियों के वोट को अपने पाले में लाने वाले नेता हैं। बताया जाता है कि वैशाली लोकसभा क्षेत्र में इनकी मजबूत पकड़ है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। पार्टी के सभी फैसलों में साथ खड़े रहते हैं। यहां तक कि जब राजद ने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया था तब भी ये पार्टी के साथ थे। अपने क्षेत्र में सवर्ण आरक्षण के खिलाफ धरने पर भी बैठे थे।

ये है नाराजगी की वजह
पूर्व सांसद रामा सिंह ने पिछले दिनों ही तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। रामा के 29 जून को राजद ज्वाइन करने की बात कही जा रही थी। इसी बात से रघुवंश प्रसाद सिंह काफी नाराज थे, क्योंकि रघुवंश प्रसाद सिंह और रामा सिंह के बीत सियासी दुश्मनी है। राजद के टिकट पर रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली लोकसभा सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद और रामा सिंह ने लोजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इसमें रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव हार गए थे।
 

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