तत्कालीन प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए बम ब्लास्ट मामले में जेल में कैद 10 में से 9 आतंकियों को बीते 27 अक्टूबर को दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने चार आतंकियों को फांसी की सजा, दो को उम्रकैद, दो को 10 साल की जेल और एक दोषी को 7 साल की सजा सुनाया है।
पटना : साल 2013 में बिहार (bihar) के पटना के गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में NIA कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में 9 आतंकियों की सजा का ऐलान किया गया है। कोर्ट ने चार आतंकियों को फांसी की सजा, दो को उम्रकैद, दो को 10 साल की जेल और एक दोषी को 7 साल की सजा सुनाया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए बम ब्लास्ट मामले में जेल में कैद 10 में से 9 आतंकियों को बीते 27 अक्टूबर को दोषी करार दिया गया था।
इन आरोपियों को सजा
NIA कोर्ट ने नोमान अंसारी, हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मो मोजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम को फांसी की सजा दी है। जबकि उमर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाया है।। ये सभी 6 आतंकी IPC का सेक्शन 302, 120B और UAPA एक्ट जैसे गंभीर धाराओं में दोषी करार दिए गए थे। इनके अलावा कोर्ट ने अहमद हुसैन को 10 साल और फिरोज आलम उर्फ पप्पू को सात साल की सजा सुनाया है। 2014 में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद अब तक 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई थी।
बचाव पक्ष की मांग
इसके पहले बचाव पक्ष के वकील सैयद इमरान गनी ने कोर्ट के बाहर बताया कि उन्होंने दोषियों के लिए पुनर्वास की मांग की है। क्योंकि, सरकारी वकील इस बात को साबित करने में विफल रहे हैं कि इनका पुनर्वास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले हैं, जिनमें कहा गया है कि जिन अभियुक्तों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाए।
27 अक्टूबर को दोषी करार
दोषियों में 5 आतंकी गया के महाबोधि मंदिर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के भी आरोपी हैं। ये इस मामले में की सजा भी काट रहे हैं। कोर्ट ने 27 अक्टूबर को इस मामले में 10 में से 9 आरोपियों को दोषी करार दिया था। दोषियों को पटना के बेऊर जेल में रखा गया है। जबकि, एक आरोपी फखरुद्दीन को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दिन बरी कर दिया था। वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का रहने वाला था। सीरियल ब्लास्ट के मामले में NIA ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक नाबालिग निकला है। उसका केस जुवेनाइल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है।
घटना कब की है, क्या हुआ था?
घटना 27 अक्टूबर 2013 की है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली बुलाई थी। उससे भी खास ये कि इस रैली में उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आने वाले थे। मोदी को सुनने के लिए रात से ही लोगों की भीड़ पटना में जुटने लगी थी। मंच तैयार था। भीड़ इंतजार कर रही थी कि तभी सुबह करीब साढ़े 9 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 के बाथरूम में धमाका हुआ। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि लोग सहम गए। इसमें एक आतंकी की मौत हो गई। जबकि, दूसरा आतंकी इम्तियाज अंसारी भागने के क्रम में पकड़ा गया। पुलिस के वरीय अधिकारी जांच के लिए जंक्शन पहुंचे। आगे रैली स्थल पर नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं के भाषण के बीच एक-एक कर 6 विस्फोट हुए।
मंच पर बीजेपी नेता और मैदान में धमाके
अभी जंक्शन पर जांच चल ही रही थी कि करीब 11:40 बजे के आसपास गांधी मैदान के बाहर उद्योग भवन के पास दूसरा बम विस्फोट हुआ। इस बीच मंच पर बीजेपी के कई बड़े नेता पहुंच चुके थे। भाषण शुरू था। मैदान में लाखों की भीड़ जमा थी। लोगों को लगा कि समर्थक उत्साह में पटाखे फोड़ रहे हैं। इसके बाद अगले एक घंटे के बीच तीसरा बम रीजेंट सिनेमा के पास, चौथा बम गांधी मैदान के अंदर महात्मा गांधी की पुरानी प्रतिमा के पास, 5वां बम गांधी मैदान के बाहर ट्विन टावर के पास, 6वां बम स्टेट बैंक के पास और 7वां बम गांधी मैदान के बाहर चिल्ड्रेन पार्क के पास हुआ।
मना करने के बावजूद आए मोदी
दोपहर साढ़े 12 बजे तक पटना जंक्शन और गांधी मैदान के आसपास आधा दर्जन बम विस्फोट हो चुके थे। बावजूद भीड़ मोदी को सुनने के लिए गांधी मैदान में जमा थी। इस बीच दोपहर 12 बजकर 32 मिनट में नरेंद्र मोदी विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचे। वहां सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने उन्हें बम विस्फोट की जानकारी दी और गांधी मैदान न जाने की सलाह भी। हालांकि, नरेंद्र मोदी ने रैली में जाने का निश्चय किया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से उनके मंच पर जाने का कार्यक्रम थोड़ा देरी से शुरू किया गया। इस बीच धमाकों के बावजूद मैदान गांधी मैदान में डटी रही। इसके बाद नरेंद्र मोदी मंच पर आए और अपना भाषण दिया।
विस्फोट कब और कहां हुए
पहला विस्फोट - सुबह 9:30 बजे - पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म - 10 के शौचालय में
दूसरा विस्फोट - सुबह 11:40 बजे - गांधी मैदान के बाहर उद्योग भवन के पास
तीसरा विस्फोट - दोपहर 12:05 बजे - गांधी मैदान के बाहर रीजेंट सिनेमा के पास
चौथा विस्फोट - दोपहर 12:10 बजे - गांधी मैदान में बापू की पुरानी प्रतिमा के पास
पांचवां विस्फोट - दोपहर सवा 12 बजे - गांधी मैदान के दक्षिणी हिस्से में ट्विन टावर के पास
छठा विस्फोट - दोपहर 12:20 बजे - गांधी मैदान के पश्चिमी हिस्से में स्टेट बैंक के पास
सातवां विस्फोट - दोपहर पौने एक बजे - गांधी मैदान के बाहर चिल्ड्रेन पार्क के पास
इस ब्लास्ट केस की जांच
गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट मामले में 27 अक्टूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद 31 अक्टूबर, 2013 को NIA ने केस संभाला और एक नवंबर को दिल्ली NIA थाने में इसकी फिर से केस दर्ज की गई। इसमें नाबालिग समेत 12 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। उनमें एक की मौत इलाज के दौरान ही हो गई थी। वहीं जुवेनाइल बोर्ड द्वारा नाबालिग आरोपित को पहले ही तीन साल की कैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
5 आरोपी को पहले ही मिल चुकी है सजा
इस मामले में आरोपित पांच आतंकियों को अन्य मामले में पहले ही उम्रकैद की सजा दी जा चुकी है। इसमें उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, फिरोज आलम उर्फ पप्पू, नुमान अंसारी, इफ्तिखार आलम, हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मो. मोजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम शामिल हैं। इनमें से इम्तियाज, उमेर, अजहर, मोजिबुल्लाह और हैदर की बोध गया सीरियल बम ब्लास्ट में भी उम्रकैद की सजा हो चुकी है।
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