बीपीएससी पेपर लीक मामले में आया नया मोड़, डीएसपी समेत 12 अधिकारी जांच एजेंसी की रडार पर

बिहार का पटना राज्य में आयोजित होने वाली बिहार लोक सेवा आयोग की एंट्रेंस एग्जाम के पेपर लीक मामले मे ईओयू कार्यवाही करते हुए 12 संदिग्धों से मुलाकात करेगी। इन पर एग्जाम के दौरान सेटिंग करके जॉब पाने का आरोप है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 25, 2022 10:28 AM IST

पटना.  बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा (बीपीएससी) के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (economic offenses unit) अब 12 संदिग्धों से करेगी पूछताछ। इन सभी संदिग्धों पर परीक्षा के दौरान सेटिंग करके नौकरी पाने का आरोप है। इस मामले में गिरफ्तार डीएसपी रंजीत कुमार रंजन के रिश्तेदारों के अलावा बिहार लोक सेवा आयोग के कर्मी भी है शामिल। अब सारे संदिग्धों से आर्थिक अपराध इकाई करेगी पूछताछ। सोमवार से तकरीबन एक दर्जन संदिग्धों से पूछताछ की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। ईओयू के सूत्रों की माने तो डीएसपी रंजीत कुमार रंजन के दोनों भाई के अलावा उनके करीबी भी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास कर अधिकारी बने हैं। इसी का फायदा उठाते हुए गिरफ्तार डीएसपी बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कराने का दावा करते थे। जांच के दौरान अधिकारियों को ऐसी शिकायतें मिली है।

गिरफ्तार 16 अपराधियों में कई सरकारी पदाधिकारी
आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों द्वारा बीपीएससी के अधिकारियों को पत्र लिखा गया, जिसमें अधिकारियों ने अपने स्तर से पूरे मामले की जांच करने की बात कही है। आपको बता दें कि पेपर लीक मामले से पहले 16 अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जिन 16 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें आधा दर्जन से अधिक सरकारी पदाधिकारी बताए जा रहे हैं। आपदा इकाई के सूत्रों की माने तो डीएसपी रंजीत रंजन बीपीएससी पेपर लीक कांड से जुड़े अधिकारियों से लगातार संपर्क में थे।

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जांच में कई अहम सबूत मिले, 8 मई को हुई परीक्षा
पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के साथ फरार आरोपियों से डीएसपी की बातचीत के सबूत मिले हैं। बताया जा रहा है कि डीएसपी की कार्रवाई के बाद भी आरोपियों से लगातार बातचीत कर रहे थे। इसके अहम सबूत जांच एजेंसी को मिले हैं। आपको बता दें कि बीपीएससी की परीक्षा पिछले 8 मई को हुई थी। जिसमें पेपर लीक होने के कारण कोर्ट द्वारा इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया था। इसके बाद पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दी गई थी। जांच में जुटी अपराध इकाई ने जैसे-जैसे जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ी पैसे वैसे गिरफ्तार अधिकारियों की संख्या भी बढ़ती चली जा रही है।

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