बिहार में हुई सीबीआई रेड में लालू यादव के 17 ठिकानों में छापेमारी के समय रेलवे भर्ती घोटालें में यादव के करीबी भोला यादव का नाम आने पर अरेस्ट किया गया था। उसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से CBI को 7 दिन के लिए रिमांड में रखने की परमिशन मिली है ताकि मामले में पूछताछ की जा सके।
पटना: राजद के पूर्व विधायक और राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी भोला यादव को सीबीआई ने 7 दिनों के लिए रिमांड पर लिया है। 2 अगस्त तक सीबीआई भोला यादव से पूछताछ करेगी। सूत्रों के अनुसार सीबीआई को भोला यादव के दरभंगा स्थित आवास से सीबीआई के हाथ रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़ी कुछ कागजात हाथ लगी है। उसी के आधार पर भोला यादव से पूछताछ की जा रही है। कागजात भर्ती घोटाले से जुड़े बड़े राज खोल सकते हैं। रिमांड पर लेने से पूर्व सीबीआई की टीम ने भोला यादव को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया।
भोला यादव दिल्ली से हुए थे गिरफ्तार
जानकारी हो कि रेलवे भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने 27 जुलाई आरजेडी के पूर्व विधायक और राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी भोला यादव को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। भोला यादव की गिरफ्तारी जमीन के बदले नौकरी देने से जुड़े घोटाले में हुई थी। गिरफ्तारी के बाद भोला यादव के चार ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी की थी। लालू यादव के रेल मंत्री रहते रेलवे भर्ती घोटाला हुआ था। वर्ष 2004 से 2009 तक भोला यादव लालू यादव कब ओएसडी रहे थे। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी के अलावा मीसा यादव, हेमा यादव और कुछ ऐसे उम्मीदवारों पर केस दर्ज किया था जिन्हें प्लॉट या प्रोपर्टी के बदले जॉब दी गई थी।
कौन है भोला यादव
बिहार में भोला यादव को लालू यादव का हनुमान कहा जाता है। भोला यादव हर वक्त लालू यादव के साथ रहते थे। चाहे लालू के इलाज का काम हो या कोर्ट का भोला यादव को हमेशा लालू यादव के साथ देखा जाता था। 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद के टिकट पर भोला यादव ने बहादुरपुर सीट से चुनाव जीता था। लेकिन वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भोला यादव को हायाघाट सीट से प्रत्याशी बनाया गया था वे यह चुनाव हार गए थे। लालू यादव के परिवार से भी भोला यादव के अच्छे रिश्ते हैं।