बिहार राज्य में शराब बंदी लागू है फिर भी अवैध मदिरा बिक रही है। इललीगल शराब तस्कर वहां एक्टिव है। प्रदेश में जहरीली शराब पीने से लोगों की जान जा रही है। इन तस्करों को पकड़ पुलिस ने चंद रुपयों के लिए छोड़ दिया। अब जांच के बाद तस्करों के साथ पुलिस भी गए जेल।
पटना (बिहार): बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध रुपए से शराब कि बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं। लेकिन पुलिस लापरवाह बनी हुई है। बिहार में अवैध शराब के कारोबार में कहीं ना कहीं पुलिस का हाथ भी है। पटना में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें यह साफ हो रहा है कि शराब तस्करों को बढावा देने में पुलिस का ही हाथ है। पटना के दीदारगंज पोस्ट के पास शराब के साथ पकड़ाए तस्कर को पांच पुलिस कर्मियों ने 30 हजार रुपए लेकर छोड़ दिया। जांच बैठी तो सभी पुलिस कर्मी दोषी पाए गए। एसएसपी ने पाचों पुलिस कर्मी अमरेंद्र कुमार, विजय पासवान, राजकुमार, लक्ष्मण कुमार औऱ् विशाल कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी।
शराब तस्कर के साथ पुलिस भी गई जेल
इस मामले में पुलिस ने पांचों पुलिस कर्मियों के जेल भेज दिया है। इसके अलावा शराब कंकड़बाग निवासी फिरोज आलम, दलाल प्रमोद कुमार और गूगल पे से सिपाही को पैसे ट्रांसफर्र करने वाले विकास कुमार को भी जेल भेजा गया है। इनके पास से स्कूटी. 20 बोतल शराब, सिपाही लक्ष्मण के पास से गूगल पे पर ट्रांसफर्र कराए गए 10 हजार रुपए जब्त किया गया है। पुलिस कर्मियों की इस करतूत ने पुलिस की छवि खराब की है। सभी पर विभागीय कार्रवाई भी होगी।
पैसे को लेकर आपस में भिड़े सिपाही, तब उजागर हुआ मामला
दरअसल, 7 अगस्त को पुलिस कर्मियों ने फिरोज आलम को 20 बोतल शराब के साथ पकड़ा था। वह स्कूटी की डिक्का में शराब छिपाकर ले जा रहा था। इसी बीच पुलिस कर्मियों ने उसे पकड़ा लिया तो फिरोज आमल सौदा करने लगा। उसे छोड़ने के लिए पुलिस कर्मियों ने 50 हजार रुपए मांगे। 30 हजार में सौदा तय हुआ। 10 हजार रुपए गूगल पे के माध्यम से भेजे गए। इसी बीच सिपाही अमरेंद्र को पता चला कि लक्ष्मण ने तस्कर से 20 हजार लिया। 10 हजार रुपए का हिसाब वह नहीं दे पा रहा है। जिसके बाद सभी सिपाही आपस में भीड़ गए और शराब तस्कर की पिटाई कर दी। जिसके बाद शराब तस्कर ने पुलिस के समक्ष सारी सच्चाई रख दी।