पटना में बैठकर अमेरिकियों से कर रहे थे ठगी, रेड में आरोपी के घर मिले इतने रुपए की पुलिस भी हैरान

बिहार के पटना में साइबर क्राइम का हैरान करने वाला केस सामने आया है। इसमें 3 ठग पकड़ाए है, जो जिले में बैठकर ठग अमेरिका के लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। पुलिस ने मुख्य आरोपी के घर रेड मारी तो रह गई हैरान। नगद रुपयों के साथ कई अन्य डॉक्यूमेंट हाथ लगे है। वहीं आरोपी फरार हो गया है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Sep 19, 2022 5:22 AM IST / Updated: Sep 19 2022, 01:11 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में बैठ अमेरिका के लोगों से साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का खुलासा पटना पुलिस ने किया है। इस मामले में अब तक तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन गिरोह का सरगना अभी फरार है। मुख्य आरोपी के घर पुलिस ने जब रेड मारा तो उसके घर से 10.50 लाख रुपए कैश बरामद हुए। इतने पैसे देख पुलिस भी चौंक गई। पाटलीपुत्र थाना क्षेत्र के एक अपार्टमेंट में साइबर ठग इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाकर विदेशी नागरिकों से डॉलर में ठगी की जा रही थी। मामले का खुलासा रविवार देर शाम पटना के दीघा थाना में सिटी एसपी सेंट्रल अंबरीष राहुल ने किया। गिरफ्तार साईबर ठगों में मो दानिश अरशद, आमिर सिद्दकी और  सब्बी अहमद शामिल है। तीनों पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। तीनों पूर्व में कॉल सेंटर में काम कर चुके हैं। 

गिरफ्तार ठगों ने किए चौकाने वाले खुलासे
सिटी एसपी ने बताया के पैट्रोलिंग के दौरान पुलिस ने पटना के कुर्जी एशियन हॉस्पिटल के पास तीनों युवकों को संदिग्ध मानते हुए पकड़ा। मोबाइल चेक करने पर एक बदमाश के मोबाइल में कॉल सेंटर के डिटेल्स दिखे। फिर पुलिस ने सख्ती से तीनों से पूछताछ की तो तीनों ने सारे राज खोल दिए। बदमाशों ने गिरोह के सरगना मनेर में रहने वाले पिंटु के घर पुलिस ने रेड की। सरगना तो फरार मिला लेकिन उसके घर से पुलिस ने 10.50 लाख रुपए नकद बरामद किया। 1.79 लाख रुपए के गहने खरीदने का एक रशीद भी मिला। जबकि लैपटॉप, सीपीयू, पेन ड्राइव कार्ड रीडर समेत दो बाइक, सात बैंक पासबुक और बैंक में जमा 50 हजार रुपए की रशीद भी मिली। गिरफ्तार तीनों ने पुलिस को बताया है कि पिंटु से इनकी मुलाकात कोलकाता में हुई थी। तीनों कमीशन पर साईबर ठगी करते थे।

इस एप की मदद से करते थे ठगी
पूछताछ में तीनों ने बताया है कि एनी डेस्क एप डाउनलोड करा अमेरिकियों से ठगी करते थे। मालवेयर व रैनसमवेयर डाउन करते होते ही अमेरिकियों की सिस्टम स्लो हो जाते थे। जिसके बाद बड़ी-बड़ी कंपनियों की बेवसाइट पर अमेरिकी सिस्टम ठीक कराने के लिए मदद मांगते थे। अमेरिका जिस थॉमस, फ्रैंक और जॉन बन अमेरिकियों से ठगी करते थे। सिस्टम स्लो होने पर वे लोग अमेरिकियों को ऑनलाइन कॉल कर एनी डेस्क एप डाउलोड कराते थे। जिसके बाद पूरा सिस्टम उनके कंट्रोल में होता था। फिर ठीक कराने के नाम पर कई प्लान रखते थे। प्लान बेचने के दौरान ही ठगी करते थे। पैसों को अमेरिका के अकाउंट में ही ट्रांसफर करवाते थे। फिर रुपए भारत भेजते थे। 

ठगों का अमेरिका में ही बैंक अकाउंट्स
गिरफ्तार साइबर बदमाशों का अमेरिका में लोकल कनेक्शन है। इनके वहां के अलग-अलग बैंको में अकाउंट्स हैं। जिसमें वे लोग साइबर ठगी का पैसा मंगवाते थे। जबकि दूसरे तरीका कूरियर कंपनी फेडेक्स के जरिए बंल लिफाफे में पैसों को अमेरिका के ही एक लोकल एड्रेस पर मंगवाया जाता था। इसके बाद वहां रह रहे साइबर ठग पटना में ठगों को डॉलर से पैसा भेजते थे। अमेरिकियों को ठगने के लिए साइबर ठगों ने दो टीमें बनाई थी।

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