मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार शराबबंदी को लेकर हमेशा अपनी पीठ थपथपाते नजर आते हैं। लेकिन शराब की कालाबाजारी पूरे राज्य में किस कदर हो रही है उसका एक उदाहरण राजधानी पटना से सामने आया है।
पटना। 2016 से बिहार में पूर्णरूप से शराबबंदी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक बताते है। विपक्षी नेताओं के आरोप से इतर नीतीश शराब को पूरे देश में लागू करने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर शराब की तस्करी और पियक्कड़ों का मजमा राज्य के हर जिलें में लग रहा है। शराबियों के अनुसार बिहार में शराब बंद नहीं मंहगी हुई है। बीते दिनों पटना पुलिस ने एक झोपड़ीनुमा मिनी बार का खुलासा करते हुए शराबबंदी की पोल खोल दी। ताज्जुब की बात यह है कि झोपड़ी में चल रहा यह मिनी बार राजधानी पटना में चल रहा था। जहां सीएम, मंत्री, विधायक से लेकर वरीय पुलिस अधिकारियों की हरसमय नजर रहती है।
संचालक के साथ-साथ 9 लोग हुए गिरफ्तार
पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र के मुसल्लहपुर हॉट स्थित कारगिल गली में एक झोपड़ी में छापा मार कर पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि यह झोपड़ी मिनी बार जैसा था। यहां रोज पियक्कड़ो का जमावड़ा लगता था। देसी-विदेशी दोनों तरीके के शराब यहां परोसे जा रहे थे। पुलिस ने जिन 9 लोगों को गिरफ्तार किया है उसमें संचालक के साथ-साथ कई शराब पीने वाले भी गिरफ्तार हुए है। हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान कई लोग भाग भी निकले, अन्यथा गिरफ्तार हुए लोगों की संख्या और बढ सकती थी।
34 बोतल विदेशी व 23 लीटर देसी शराब बरामद
झोपड़ी से 34 बोतल विदेशी शराब और 23 लीटर देसी शराब बरामद किया गया है। पीरबहोर थाना प्रभारी रिजवान अहमद ने बताया कि गिरफ्तार हुए लोगों में से सुल्तानगंज थाना क्षेत्र का मो. नवाब, रंजन कुमार, संजय सहित अन्य नौ लोग शामिल हैं। बताया जाता है कि जिस भूमि पर यह झोपड़ी बनी हुई थी वह अतिक्रमित की गई थी। मो. नवाब इस मिनी बार का संचालक था। जिसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। राजधानी में मिनी बार संचालित होने की इस खबर से सरकार के दावों की हवा निकल गई है।