लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी करने वाले मजूदरों की परेशानी बढ़ गई है। इसके साथ-साथ साधु-संतों की स्थिति भी खराब है। इन जैसे लोगों के लिए अलग-अलग शहरों में समाजसेवी संगठन सामने आए है। जो इन लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं।
गया। कोरोना की वजह से देश भर में लॉकडाउन लागू होने के बाद से जहां मजदूरों के सामाने भूखमरी की स्थिति आ गई है और दूसरे प्रदेशों से अपने घर की ओर रूख कर रहे हैं। वहीं सूबे के एक जिले में भिखारी से लेकर साधू-संतों को दोनों टाइम का भर पेट भोजन मिल रहा है। इतना ही नहीं उनके सैनिटाइजेशन का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। दरअसल, बिहार के गया जिले में सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन जरूरत मंदों की सहायता के लिए सड़क पर उतरे हैं और भूखे लोगों को भोजन करा रही है।
सरकारी मदद के बिना कर रहे मानवता की सेवा
गया रेलवे स्टेशन इलाके में सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने पहल करते हुए यहां रहने वाले भिखारियों, साधु-संतों एवं गरीब परिवारों के लिए सुबह-शाम मुफ्त में भोजन की व्यवस्था की है। ये लोग लॉकडाउन के लिए जारी निर्देशों का पहलन करते हुए जरूरतमंदों की सहायता बिना सरकारी मदद के कर रहे हैं।
गरीबों के सैनिटाइजेशन का भी रखा जा रहा ख्याल
सामाजिक कार्यकर्ता गरीबों को केवल भोजन ही नहीं परोस रहे, बल्कि उनके सैनिटाइजेशन का भी ख्याल रख रहे। स्वंयसेवक भोजन देने से पहले साबुन से हाथ धुलवाया जा रहा है। इसके साथ ही भोजन के दौरान लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग भी रखा जा रहा है, ताकि लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके।
परेशानी कम करने की कोशिश जारी : डीएम
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कई लोगों की परेशानी बढी है। इसका निदान करने की कोशिश जिला प्रशासन कर रहा है। यहां के अंबेडकर छात्रावास और जगजीवन छात्रावास को आपदा केंद्र घोषित किया गया है। इसमें गरीब व असहाय के साथ बाहर से आने वाले लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है।