सीएम नीतीश को लेकर PK का बड़ा बयान, कहा- मैंने पल भर में ठुकरा दिया था उनका ये बड़ा ऑफर

चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि पिछले दिनों उनकी नीतीश कुमार से हुई मुलाकात के दौरान उन्हें जेडीयू अध्यक्ष बनने का ऑफर मिला था।

पटना(Bihar). चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि पिछले दिनों उनकी नीतीश कुमार से हुई मुलाकात के दौरान उन्हें जेडीयू अध्यक्ष बनने का ऑफर मिला था। हालांकि उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) का नेतृत्व करने से साफ मना कर दिया। पीके ने कहा कि इससे पहले भी 2014 के लोकसभा चुनाव में जब महागठबंधन को बुरी तरह हार मिली तो नीतीश ने उनसे मदद मांगी थी।

प्रशांत किशोर ने कहा इससे पहले भी 2014 में चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली आकर कहा कि हमारी मदद कीजिए। 2015 में हम लोगों ने उनको जिताने में कंधा लगाया, अभी 10-15 दिन पहले बुलाकर बोले कि हमारे साथ काम कीजिए, हमने कहा कि ये अब नहीं हो सकता है। एक बार जो लोगों को वादा कर दिया है कि 3500 किमी चलकर गांव-गांव में जाकर लोगों को जगाना है, वही करेंगे। एक बार जन बल खड़ा हो गया, कोई टिकने वाला नहीं है लिखकर रख लीजिए।

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अपने गृह राज्य में अपनी योग्यता साबित करने की कोशिश कर रहा-PK 
प्रशांत किशोर ने अपने बयान में कहा, 'मैं एक डॉक्टर का बेटा हूं, देशभर में अपनी योग्यता साबित करने के बाद अपने गृह राज्य में काम करने की कोशिश कर रहा हूं।' गौरतलब है कि प्रशांत किशोर को 4 वर्ष पहले 2018 में नीतीश कुमार ने जेडीयू में शामिल किया था और कुछ ही हफ्तों में वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए थे। हालांकि सीएए-एनआरसी विवाद को लेकर नीतीश कुमार के साथ उनकी कुछ तकरार हो गई जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

JDU अध्यक्ष के बयान पर किया पलटवार 
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा उनकी फंडिंग के स्रोत पर सवाल उठाने के बाद पीके ने इस पर पलटवार किया। उन्होंने नाराजगी भरे लहजे में कहा, 'जो लोग जानना चाहते हैं कि मुझे पैसा कहां से मिल रहा है, उन्हें पता होना चाहिए कि उनकी तरह मैंने दलाली नहीं की है। अपनी बुद्धि से 10 साल काम किया है।' पीके ने कहा कि बडे़-बडे़ नेता उनके पास इस बात के लिए आते थे कि चुनाव कैसे जीतेंगे। इसके लिए कुछ पैसा ले लीजिए। कहते थे हमारी मदद कीजिए। उन्होंने कभी किसी से पैसा नहीं लिया। मगर आज वह डोनेशन मांग रहे हैं। यह वह शुल्क है जो वे जन सुराज आंदोलन के लिए ले रहा हैं। ये हमारे द्वारा यहां लगाए गए तंबू पर खर्च होता है।
 

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