कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बिहार में तेजी से बढ़ रही है। राज्य में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सीवान जिले से सामने आए है। जहां के एक युवक की गलती से राज्य का यह जिला चीन का वुहान बनने के रास्ते पर है।
सीवान। उम्र 30 वर्ष, मूल निवास- सीवान जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र का पंजवार गांव, काम- ओमान में नौकरी.... ये उस शख्स का संक्षिप्त परिचय है जिसने बिहार में कोरोना की हवा को काफी तेज कर दी। इस युवक की एक गलती से उसका पूरा गांव, जिला यूं कहें तो राज्य कोरोना के खौफ में जी रहा है। 30 वर्षीय यह युवक 21 मार्च को ओमान से भारत वापस आया। फ्लाइट से वो दिल्ली उतरा। जहां से 22 मार्च को सीवान पहुंचा।
यहां पहुंचने के समय उसके हाथ पर होम क्वारेंटाइन का मुहर लगा था। मतलब ओमान से सीवान तक पहुंचने के रास्ते में कहीं पर उसका स्वास्थ्य जांच किया गया था ट्रैवल हिस्ट्री देखते हुए डॉक्टरों ने उसे घर-परिवार से दूर रहते हुए होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया था।
गांव में जीता रहा सामान्य जिंदगी, क्रिकेट भी खेली
लेकिन इस मनमौजी युवक ने डॉक्टरों की बात को हल्के में ली। उस समय युवक की तबियत बिल्कुल ठीक थी। वह गांव पहुंचने के बाद सामान्य जिंदगी जीता रहा। परिजन के साथ-साथ दोस्तों से मिलता रहा। ओमान की कमाई से दोस्तों दावतें भी दी, गांव के लड़कों के साथ क्रिकेट भी खेला, पार्टी भी की। जिस दिन यह युवक सीवान पहुंचा था उसी दिन बिहार में कोरोना से पहले मौत की पुष्टि हुई।
मुंगेर निवासी एक युवक जो इसी युवक की तरह 13 मार्च को कतर से लौटा था, उसकी मौत के बाद उसमें कोरोना की पुष्टि की। उसी दिन मुख्यमंत्री ने राज्य में लॉकडाउन की घोषणा कर दी। जिसके बाद कोरोना के खिलाफ मेडिकल टीम की जंग तेज हो गई।
जांच को पहुंची टीम को दी गलत जानकारी
बाहर से लौटे लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जाने लगी। 28 मार्च को किसी स्थानीय शख्स ने मेडिकल टीम को सीवान के इस युवक की जानकारी दी। जिसके बाद मेडिकल टीम उसका सैंपल लेने पहुंची। जब टीम जांच को पहुंची तो युवक घर से 300 मीटर दूर बने बथान ( घरेलू मवेशियों को रखने वाली जगह) में खुद को रहने की बात बताई। मेडिकल टीम ने उसकी बात पर भरोसा भी कर ली। इस बीच 27 मार्च को जिले में कोरोना का पहला मरीज मिला। जिसके बाद प्रशासन और सख्त हुई। ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर बाहर से लौटे सभी लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया। 1 अप्रैल को भी इस युवक को जिले के एक होटल में बने क्वारेंटाइन सेंटर मे रखा गया।
3 अप्रैल को मिला पॉजिटिव होने का रिपोर्ट
लेकिन होटल के क्वारेंटाइन सेंटर में रखे जाने से पहले 10 दिनों तक वह 33 सदस्यों वाले अपने लंबे-चौड़े परिवार के साथ सामान्य जिंदगी जीता रहा। स्थानीय लोगों के अनुसार इस दौरान वह लड़का गांव के करीब 100 लोगों से मिला। एक अप्रैल को लिए गए सैंपल का रिपोर्ट 3 अप्रैल को मिला। जिसमें इस युवक के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। अब तक इस युवक के संपर्क में आए 23 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। जिनका इलाज दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है। इसके परिवार और संपर्क में आए लोगों को चिह्नित कर क्वारेंटाइन में भेज दिया गया है।
प्रतीकात्मक तस्वीर