राज्य में कोरोना का पहला मामला 22 मार्च को सामने आया था। 21 मार्च को पटना एम्स में मुंगेर के एक युवक की मौत हुई थी। 22 को उसे कोरोना पीड़ित बताया गया था। उसके संपर्क में आए 14 लोगों में अबतक कोरोना फैल चुका है। हालांकि राहत की बात यह है कि मृतक के परिवार की महिला और पड़ोसी बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
मुंगेर। कतर से लौटे चुरम्बा निवासी जिस युवक में कोरोना की पुष्टि हुई थी, उसके संपर्क में आई महिला और बच्चे की रिपोर्ट पहली बार निगेटिव आई है। इससे पहले दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद पिछले गुरुवार को दोनों को मायागंज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। बीते सोमवार को दोनों का सैंपल जांच के लिए आरएमआरआई पटना भेजा गया था।
गुरुवार को दोनों की रिपोर्ट पहली बार निगेटिव आई। इसके बाद एक बार फिर दोनों का सैंपल जांच के लिए आरएमआरआई पटना भेजा गया है। यदि यह रिपोर्ट भी निगेटिव आती है तो दोनों को अस्पातल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
शनिवार तक आ सकता है दूसरा रिपोर्ट
पहली रिपोर्ट निगेटिव आने से अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है। बता दें कि चुरम्बा के युवक के संपर्क में सबसे पहले यहीं दोनों आए थे। जिसके बाद संक्रमण की चेन लगातार बढ़ती गई और अबतक 14 लोगों को कोरोना का मरीज बना चुकी है। हालांकि इन दोनों के कोरोना से ठीक होने की खबर पर मुंगेर में खुशी है। डॉक्टरों ने बताया कि शनिवार तक इन दोनों का दूसरा रिपोर्ट आ जाएगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आई तो दोनों को यहां से छुट्टी मिल जाएगी।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से जल्द ठीक होंगे मरीज
अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने बताया कि एक और निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद महिला और बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। उधर, आइसोलेशन वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ. हेमशंकर शर्मा ने बताया, यह पूरी टीम की मेहनत और मरीज में विकसित हुए रोग प्रतिरोधक क्षमता से हुआ है। इसी तरह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती रही तो जल्द ही मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे। बता दें कि पटना एम्स के डॉक्टरों ने अबतक तीन मरीजों को फिट कर अपने घर वापस भेजा है।