
पटना। कड़ाके की इस सर्दी में हम इंसानों के पास बचाव के तो सैकड़ों उपाए है। जितनी ठंड बढ़ती जाती है हम उतना ही ज्यादा कपड़े पहनते जा रहे हैं। लेकिन इस सर्दी में सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं का क्या हाल होता गया, कभी सोचा है आपने। कुत्ते, गाय, साढ़ जैसे आवारा पशु भारत के हर एक शहर में मिल जाएंगे। ये दिन भर सड़कों पर घूमकर फेंके गए कचरों से पेट भरते हैं। रात को किसी पेड़ के किनारे बैठ जाते हैं। लेकिन हाड़ कंपा देने वाली इस ठंडी में इन जानवरों का हालत भी खराब है।
आवारा पशुओं के मसीहा कहते हैं लोग
सड़क पर जहां भी इस आवारा पशुओं को आग मिलती है वहां ये खड़े होकर ठंड भगाते हैं। इन आवारा पशुओं के लिए मसीहा बन कर उभरे हैं पटना के विवेक विश्वास। विवेक इन सर्द रातों में रात भर सड़कों पर घूम-घूम कर आवारा पशुओं के तन को गर्म कपड़ों से ढ़कते हैं। उनके इस काम की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। कई लोगों ने विवेक को आवारा पशुओं का मसीहा कहा है।
विवेक ने पहले जमा किए गर्म कपड़े
पटना के राजीव नगर में रहने वाले विवेक बताते हैं कि पहले मैंने लोगों से गर्म कपड़े इकठ्ठा किए। अब उसे रात में घूम-घूम कर आवारा पशुओं को पहनाता हूं। इस काम से मुझे आत्मिक संतुष्टि मिलती है। कपड़े पहनाने के साथ-साथ विवेक भूखे आवारा पशुओं को खाना भी खिलाते हैं। इससे ये बेजुबान विवेक पर जान लुटाते हैं। विवेक ने बताया कि रात को गली में निकलते ही आवारा पशु मेरे पास आ जाते हैं। मेरे साथ खेलते हैं। ये सब मुझे अच्छा लगता है।
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