लॉकडाउन; ससुराल में ही फंस गया था दामाद, पत्नी-साले-सास ने मिलकर ली जान, लाश को ऐसे लगाया था ठिकाने

लॉकडाउन के कारण लोग बीते दो माह से अधिक समय से अपने-अपने घरों में कैद है। पारिवारिक विवाद के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। विवाद में अपराध की कई ऐसी घटनाएं भी घटी हैं जिनपर भरोसा करना मुश्किल है।

मुंगेर। मानवीय रिश्ते को शर्मसार करने वाला एक मामला मुंगेर के बरियापुर बस्ती से सामने आया है। जहां पत्नी, साले और सास ने मिलकर दामाद की हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार दामाद की हत्या 17 मई को की गई थी। मृतक के परिजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कल्याण टोला गंगा ढाब से अधजले शव को बरामद किया। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के बिसंडा थाना क्षेत्र के गंराव ग्राम निवासी मेडालाल के 35 वर्षीय पुत्र रामकिशोर के रूप में हुई है। रामकिशोर की शादी डेढ़ साल पूर्व बरियारपुर बस्ती उत्तर टोला निवासी स्वर्गीय त्रिवेणी तांती की बेटी अल्का से हुई थी।

 

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हत्या के कारण का अभी खुलासा नहीं 
हत्या के इस मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी, साला एवं सास को अभियुक्त बनाते हुए मामला दर्ज किया है। साथ ही पत्नी अल्का देवी, साला सुरजीत कुमार और साकेत कुमार के साथ सास ललिता देवी को गिरफ्तार कर लिया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतक का शव क्षत-विक्षत एवं सड़े हुए अवस्था में था। जिसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया। हत्या क्यों की गई? इसका स्पष्ट कारण अभी सामने नहीं आ सका है। बताया जाता है कि रामकिशोर 17 मार्च को अपने ससुराल आया था। लॉकडाउन के कारण पिछले दो माह से वह ससुराल में ही फंसा हुआ था। इसी क्रम में 17 मई को पत्नी, साला एवं सास ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।

मृतक के भाई ने यूपी से फोन पर पुलिस को दी सूचना
बरियारपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन ने बताया कि मृतक के भाई रामधनी रजक ने उत्तर प्रदेश से फोन कर मामले की सूचना दी। सूचना के बाद मृतक के परिजनों को बरियारपुर थाना बुलाया गया। गुरुवार की सुबह मृतक के परिजन बरियारपुर थाना पहुंचे और सारी जानकारी दी। पूछताछ के दौरान मृतक का साला सुरजीत कुमार एवं रितेश कुमार की निशानदेही पर कल्याण टोला गंगा ढाब से गंगा के बालू में दफन किए गए अधजले शव को जो कपड़ा एवं प्लास्टिक में लिपटा हुआ था को बरामद कर लिया गया। 

सास ने फोन पर दी थी बेटी-दामाद के जाने की जानकारी
मृतक के भाई ने बताया कि ललिता देवी ने मोबाइल पर रामकिशोर के यहां से चले जाने की गलत सूचना दी थी। लेकिन बाद में रामकिशोर के दोस्त घनश्याम ने अपने ससुराल से पता किया तो जानकारी मिली कि रामकिशोर की मौत हो चुकी है। मृतक के भांजा वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मामा से 14 मई को बात हुई थी। तब मामा ने बताया था कि साला, सास एवं पत्नी के द्वारा धमकी दिया जाता है कि यहां से चले जाओ। वीरेंद्र ने बताया कि जनवरी 2020 में मामी अपने गांव बरियारपुर बस्ती चली आई थी। लॉकडाउन के पूर्व मामी ने पैसा खत्म होने की बात कहते हुए पैसे का इंतजाम कर मामा को बरियारपुर बुलाया था।

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