आखिरी वक्त में ऐसी हो गई थी अमिताभ बच्चन की मां तेजी की हालत, बताते हुए भावुक हो गए महानायक

अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में बताया है कि कैसे डॉक्टर्स पम्पिंग के जरिए उनकी मां की सांसें वापस लाने की कोशिश कर रहे थे। बिग बी ने यह भी कहा कि डॉक्टर्स उनके कहने पर ही ऐसा करने से रुके थे।

एंटरटेनमेंट डेस्क. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की मां तेजी बच्चन (Teji Bachchan) को गुजरे 15 साल हो गए हैं। 21 दिसंबर 2007 को लंबी बीमारी के बाद 93 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। मां की बरसी पर अमिताभ बच्चन ने भावुक ब्लॉग लिखा है और उनके अंतिम पलों के बारे में बताया है। बिग बी की मानें तो जिंदगी की जंग हार चुकीं तेजी को बचाने के लिए डॉक्टर्स उन्हें सीपीआर दे रहे थे, लेकिन जब काफी देर तक वे उन्हें रिवाइव नहीं कर पाए तो उन्होंने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।

शालीनता से चली गईं : बिग बी

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बिग बी ने अपने ब्लॉग में लिखा है, "वे उसी शालीनता और शांति के साथ चली गईं, जैसा कि उनका स्वभाव था। मैंने डॉक्टर्स को उनके नाजुक दिल को फिर से जीवित करने की कोशिश करते देखा। वे बार-बार फिर से उनकी सांसें वापस लाने के लिए जोर-जोर से पम्पिंग कर रहे थे। हम सब एक-दूसरे का हाथ थामे खड़े थे। हमारे सभी करीबी, भांजियों/भतीजियों और बच्चों की आंखों में आंसू थे। मैंने कहा- डॉक्टर्स रहने दीजिए। उन्हें छोड़ दीजिए। वे जाना चाहती हैं। रुकिए। और कोशिश मत करिए।  हर प्रयास उनके सिस्टम के लिए दर्दनाक था। वहां यह सब देख रहे हम सभी के लिए भी दर्द भरा था। हर समय सीधी रेखा दिखाई देती थी और फिजिकल पंपिंग के चलते यह ग्राफिक रिस्पॉन्स में बदल जाती थी।"

बिग बी की बात मान डॉक्टर्स रुक गए 

बिग बी ने आगे लिखा है, "मैंने कहा इसे बंद कर दीजिए और उन्होंने ऐसा ही किया। मॉनिटर पर एक सीधी रेखा और सिंगल टोन इशारा कर रही थी कि वे हमें छोड़कर चली गई थीं। गिर पड़ा, जैसे कि किसी ने हाल ही में अपने किसी करीबी के जाने के गुजरने की जानकारी दी हो। अक्सर सांत्वना के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्द 'बेहतर जगह चली गईं' सुनाई दिए। सिर पर वह कोमल हाथ, अस्पताल के सन्नाटे से भरे कमरे में चमकती हुईं लाखों यादें और फिर उनके घर के लिए रवानगी।"

प्रतीक्षा में रखी गई थी पार्थिव देह

अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में बताया है कि तेजी बच्चन की पार्थिव देह को उनके बंगले प्रतीक्षा में लाया गया था और अगले दिन अंतिम संस्कार से पहले वहां उन्होंने उनके साथ अपनी आखिरी रात बिताई थी। उनके आसपास की जगह को सफ़ेद फूलों से सजाया गया और रात भर गुरुग्रन्थ साहिब का पाठ किया गया। अंतिम संस्कार के बाद उनकी राख को उन सभी पवित्र जगहों पर ले जाया गया, जिनमें वे यकीन रखती थीं। उनकी तस्वीर को दिवंगत पिता और लोकप्रिय कवि हरिवंश राय बच्चन की तस्वीर के बगल में रखा गया। बिग बी ने लिखा है कि मां के सम्मान में उनका वह कमरा वैसा ही रहता है। उन्होंने लिखा है, "वे हमेशा हमारे साथ रहती हैं। अम्माजी...पूरी दुनिया की सबसे खूबसूरत मां।"

सामाजिक कार्यकर्ता थीं तेजी बच्चन

अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन सामाजिक कार्यकर्ता थीं। सिख परिवार में जन्मी तेजी ने लाहौर के खूब चंद डिग्री कॉलेज से साइकोलॉजी की पढ़ाई की थी। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में इंग्लिश लेक्चरर रहे हरिवंश राय बच्चन से उनकी पहली मुलाक़ात लाहौर में तब हुई थी, जब वे एक इवेंट में शामिल होने वहां पहुंचे थे। 1941 में इलाहाबाद में बच्चन और तेजी की शादी हुई थी। हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन ने यश चोपड़ा की फिल्म 'कभी कभी' में स्पेशल अपीयरेंस दिया था, जो 1976 में रिलीज हुई थी। तेजी के निधन से चार साल पहले 2003 में हरिवंश राय बच्चन का निधन हो गया था।

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