बीएमसी (BMC) द्वारा मुंबई के पॉली हिल में स्थित कंगना रनोट का दफ्तर तोड़े जाने की कार्रवाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने गलत बताया है। कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि यह कार्रवाई याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने से रोकने की कोशिश थी। कंगना ने BMC से दो करोड़ रुपए हर्जाना मांगा है। इस पर हाईकोर्ट ने नुकसान का पता लगाने के लिए सर्वेयर नियुक्त किया है। उन्हें मार्च 2021 तक रिपोर्ट सौंपनी है। जो भी हर्जाना होगा वो BMC द्वारा भरा जाएगा।
मुंबई। बीएमसी (BMC) द्वारा मुंबई के पॉली हिल में स्थित कंगना रनोट का दफ्तर तोड़े जाने की कार्रवाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने गलत बताया है। कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि बीएमएसी ने गलत नीयत से यह कदम उठाया था। यह कार्रवाई दुर्भावाना से प्रेरित थी और एक्ट्रेस को नुकसान पहुंचाने के मकसद से की गई थी। कोर्ट ने कहा कि यह नागरिकों के आधिकार के खिलाफ भी थी। इसके साथ ही अदालत ने अवैध निर्माण के खिलाफ जारी किए गए BMC के नोटिस को भी खारिज कर दिया। साथ ही कंगना को भी सार्वजनिक बयानों में संयम बरतने को कहा है। कोर्ट ने माना बीएमसी का इरादा ठीक नहीं था...
कोर्ट ने माना कि ये सभी चीजें कंगना को धमकाने के मकसद से की गईं और BMC का इरादा ठीक नहीं था। कोर्ट ने कहा कि कंगना को हर्जाना दिए जाने के लिए दफ्तर में हुई तोड़फोड़ का सर्वे किया जाए। सर्वे करने वाला व्यक्ति कंगना और बीएमसी दोनों को सुनेगा।
BMC को भरना होगा हर्जाना :
कंगना ने BMC से दो करोड़ रुपए हर्जाना मांगा है। इस पर हाईकोर्ट ने नुकसान का पता लगाने के लिए सर्वेयर नियुक्त किया है। उन्हें मार्च 2021 तक रिपोर्ट सौंपनी है। जो भी हर्जाना होगा वो BMC द्वारा भरा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि कंगना BMC से दफ्तर को दोबारा बनाने के लिए आवेदन करेंगी। तीन महीने के अंदर आर्किटेक्ट को डैमेज का सर्वे करना होगा। ऑफिस का बाकी हिस्सा जिसे बीएमसी अवैध बता रही है उसे नियमित किया जाए।
राज्य समाज पर ताकत का इस्तेमाल नहीं कर सकता :
कोर्ट ने कहा कि कोई व्यक्ति विशेष कुछ भी मूर्खतापूर्ण बात कहे, लेकिन राज्य द्वारा समाज पर ताकत का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने तस्वीरों और अन्य सामग्रियों का विश्लेषण किया, जिनमें संजय राउत साफतौर पर धमकी देते दिख रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा- तोड़फोड़ की कार्रवाई एक्ट्रेस के सोशल मीडिया पर किए गए कमेंट्स को लेकर उन्हें निशाना बनाने के इरादे से की गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने कंगना को सार्वजनिक बयानों में संयम बरतने की हिदायत दी है।
बीएमसी ने 9 सितंबर को की थी तोड़फोड़ :
बता दें कि BMC ने 9 सितंबर को कंगना के पाली हिल स्थित बंगले में बने ऑफिस के कई हिस्सों को अवैध बताते हुए तोड़ दिया था। कंगना की ओर से याचिका दायर किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने BMC की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगा दी थी और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। कंगना के वकील का दावा है कोर्ट के स्टे लगाने तक ऑफिस का 40% हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया था। जिन चीजों को नुकसान पहुंचा उनमें झूमर, सोफा, दुर्लभ कलाकृतियां और कई कीमती सामान शामिल हैं।
कंगना का रिएक्शन :
हाईकोर्ट के फैसले के बाद कंगना ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोई शख्स सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है तो यह जीत केवल उसकी नहीं होती, बल्कि पूरे लोकतंत्र की होती है। मेरा हौसला बढ़ाने के लिए हर व्यक्ति को धन्यवाद। हर उस शख्स का भी शुक्रिया, जो मेरे सपनों के टूटने पर हंसे थे। ये सब इसलिए हुआ, क्योंकि आप विलन की तरह काम कर रहे थे और मैं हीरो बन गई।