सांसद बनीं Lata Mangeshkar ने कभी नहीं लिया था वेतन भत्ता, संसद में गया था 'सारे जहां से अच्छा', देखें Video

1999 में लता मंगेशकर को राज्यसभा सांसद मनोनीत किया गया था। 2005 तक वो सांसद रही। लेकिन  बतौर सांसद न तो कभी वेतन लिया और न कोई भत्ता।

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2022 11:40 AM IST / Updated: Feb 06 2022, 06:09 PM IST

मुंबई. भारत की स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जितनी बड़ी गायिका हैं, उतना ही बड़ा उनका दिल भी रहा। वो जब तक जिंदा रही बड़े स्वाभिमान के साथ रहीं। भारत रत्न लता मंगेशकर ने छह साल तक राज्यसभा सांसद रहीं लेकिन वो वेतन भत्तों के के चेक को छुआ तक नहीं था। वो किसी भी तरह की सुविधा को नहीं लिया, जो बतौर सांसद मिलता है।

1999 में लता मंगेशकर को राज्यसभा सांसद मनोनीत किया गया था। 2005 तक वो सांसद रही। लेकिन  बतौर सांसद न तो कभी वेतन लिया और न कोई भत्ता। यहां तक की उन्होंने दिल्ली में सांसदों को मिलने वाला आवास को भी नहीं लिया। गायिका के पास जितने बतौर सांसद सैलरी का चेक भेजा गया उसे उन्होंने वापस कर दिया। लता मंगेशकर बहुत दिलदार थी। वो फिल्म के सेट पर सबके लिए गिफ्ट लेकर जाती थीं।

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लता की आवाज गूंजी थी संसद में

लताजी ने संसद में भी अपनी आवाज की प्रस्तुति दी थी। स्वतंत्रता दिवस के 50वीं सालगिरह पर उन्होंने संसद में अपनी आवाज का जादू चलाया। 14-15 अगस्त, 1997 को संसद पूरा भरा हुआ था। उनके सामने लता दीदी ने जैसे माइक पकड़ कर  'सारे जहां से अच्छा' से अच्छा गया। पूरा सदन गूंज उठा। लता मंगेशकर की इस पुरानी याद को लोकसभा के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है।

पुरस्कार लेने से किया था मना

लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं है। 6 फरवरी की सुबह उन्होंने अंतिम सांस लीं। लेकिन वो अपने गानों के जरिए हमेशा हमारे बीच रहेंगी। 2001 में उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। 1969 में पदमभूषण, 1999 में पद्म विभूषण, 1989 में दादा साहब फालके पुरस्कार, 1997 में महाराष्ट्र भूषण अवार्ड, 1999 में एनटीआर नेशनल अवार्ड, 2009 में एएनआर नेशनल अवार्ड दिया गया। इसके अलावा तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, चार बार फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा उन्हें 1993 में फिल्मफेयर लाइफटाइम एचीवमेट पुरस्कार दिया गया था। कहा जाता है कि लगातार फिल्मफेयर मिलने की वजह से एक बार उन्होंने अवॉर्ड फंक्शन में उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि अब आप मुझे ये पुरस्कार मत दीजिए।  नई प्रतिभाओं को ये पुरस्कार दीजिए। 

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