Budget 2022: किसानों को MSP का तोहफा, ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा, ये हैं कृषि सेक्टर के बड़े एलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में  किसानों को तोहफा दिया है. उन्होंने किसानों को रिझाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि  किस क्षेत्र में कब कौन सी फसल बोई जाए, इसका आकलन करने के लिए किसान ड्रोन का इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा, लैंड रिकॉर्ड्स के डिजिटाइजेशन की योजना पर जोर दिया जाएगा,
 

नई दिल्ली :  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में किसानों को तोहफा दिया है। उन्होंने किसानों को रिझाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि किसानों को MSP पर किसानों से रिकॉर्ड खरीदी की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि केमिकल मुक्त खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है। किस क्षेत्र में कब कौन सी फसल बोई जाए, इसका आकलन करने के लिए किसान ड्रोन का इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा, लैंड रिकॉर्ड्स के डिजिटाइजेशन की योजना पर जोर दिया जाएगा, गेंहू और धान की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी निर्धारित की है।

सिंचाई -पेयजल सुविधा बढ़ाने पर दिया जाएगा जोर
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को डिजिटल सर्विस देंगे। सिंचाई -पेयजल सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। साल 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया। 5 नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा। सरकार  ऑर्गेनिक खेती पर जोर देगी। कृषि विश्वविद्यालयों को विकास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केन-बेतवा परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. इससे 9 लाख हेक्टेयर से अधिक हेक्टेयर खेतों को सिंचाई का पानी मिलेगा,किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की होगी शुरुआत, तिलहनों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कदम उठाए जाएंगे. साथ ही तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक व्यापक योजना चलाई जाएगी. गंगा किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस किया जाएगा. विश्वविद्यालयों में कृषि पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाएगा.

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एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर पर देखने को मिला था फोकस 
कृषि कानूनों के बीच मोदी सरकार ने बजट में कृषि सेक्टर कई अहम ऐलान किये थे और किसानों को रिझाने की कोशिश की थी। बजट  2021-22 में कृषि ऋण लक्ष्य को 16.5 लाख करोड़ रुपए तक रखा गया था। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसानों की आय दोगुनी करना का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 

एग्री सेक्‍टर के लिए हुई थी यह घोषणाएं 
- ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये की गई थी। 
- सूक्ष्‍म सिंचाई निधि दोगुनी करके 10 हजार करोड़ रुपए दिया गया था। 
- ऑपरेशन ग्रीन स्‍कीम  के तहत जल्‍दी खराब होने वाले 22 उत्‍पादों तक विस्‍तार किया गया है, ताकि कृषि और संबद्ध उत्‍पादों में वैल्‍यू एडिशन को बढ़ावा मिले।
-  ई-नाम के माध्‍यम से लगभग 1.68 करोड़ किसानों को पंजीकृत किया गया और 1.14 लाख करोड़ रुपए मूल्‍य का व्‍यापार किया गया। 1000 और मंडियों को पारदर्शिता और प्रतिस्‍पर्धा लाने के लिए ई-नाम के साथ एकीकृत करने की घोषणा की गई थी। 
- ईपीएमसी को बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए कृषि बुनियादी ढांचा निधियों तक पहुंच मिलेगी।
- पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार किया जाएगा।  साथ ही तमिलनाडु में फिश लैंडिंग सेंटर का विकास किया जाएगा। 
- समुद्र और देश में आ‍धुनिक मछली बंदरागाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों के विकास के लिए निवेश। 
- पांच प्रमुख मछली बंदरगाहों कोच्चि, चेन्‍नई, विशाखापट्टनम, पाराद्वीप और पेतवाघाट को आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया। 
- सीवीड उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु में बहुउद्देशीय सीवीड पार्क को डेवलपमेंट का ऐलान किया। 
- कपास पर सीमा शुल्क शून्य से 10 फीसदी और कच्चे रेशम तथा रेशम के धागों पर 10 फीसदी से 15 फीसदी किया गया था।

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