Economic Survey 2022 : इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey 2022) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अप्रैल में शुरू होने वाले आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 8 फीसदी से 8.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि का अनुमान (GDP Estimates) लगाया है। जबकि जो चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 9.2 फीसदी की वृद्धि से कम है।
Economic Survey 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 (Finance Minister Nirmala Sitharaman) को सांख्यिकीय परिशिष्ट के साथ लोकसभा में पेश किया। जिसमें उन्होंने मौजूदा और अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष की जीडीपी का अनुमान (GDP Estimates) लगाया है। साथ ही उन्होंने तमाम सेक्टर्स की तेजी का अनुमान लगाया है। आइए आपको भी बताते हैं कि उन्होंने किस तरह के आंकड़े पेश किए हैं।
कैसी रहेगी जीडीपी
अपने इकोनॉमिक सर्वे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल में शुरू होने वाले आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 8 फीसदी से 8.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। जबकि जो चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 9.2 फीसदी की वृद्धि से कम है। महामारी से कृषि और संबंधित क्षेत्र सबसे कम प्रभावित हुए हैं और पिछले वर्ष में 3.6 फीसदी की वृद्धि के बाद इस क्षेत्र के 2021-22 में 3.9 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। सर्विस सेक्टर महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, विशेष रूप से ऐसे सेगमेंट मानव संपर्क शामिल है। पिछले वर्ष के 8.4 प्रतिशत गिरावट के बाद इस वित्तीय वर्ष में इस क्षेत्र के 8.2 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।
पिछले बजट में क्या था जीडीपी अनुमान
पिछले साल देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की जीडीपी का अनुमान 11 फीसदी का अनुमान लगाया था। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये 'लॉकडाउन' से प्रभावित अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से रिकवरी की उम्मीद दी थी। जिसके बाद देश की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 20 फीसदी तक पहुंच गई थी। जबकि दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी दर 8.4 फीसदी देखने को मिली थी। वहीं पूरे वित्त वर्ष में देश की जीडीपी का अनुमान 9.5 फीसदी लगाया था।
हाल ही में आईएमएफ का आया था अनुमान
हाल ही में दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक एजेंसियों में से एक इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ ने जीडीपी के अनुमानित आंकड़ें जारी किए हैं। जिसमें भारत की जीडीपी में 0.5 फीसदी की कटौती कर वित्त वर्ष 2021-22 की जीडीपी दर का अनुमान 9 फीसदी का दिया है। ताज्जुब की बात तो ये है कि यह आंकड़ें दुनिया की किसी अर्थव्यवस्था के मुकाबले सबसे बेहतर है। आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑमिक्रॉन के करण लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से अनुमान को थोड़ा गिराया है। वहीं वित्त वर्ष 2022-23 की जीडीपी का अनुमान 8.5 फीसदी रखा है।
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