अगले साल के शुरुआत में सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाने पर फैसला ले सकती है। इस फैसले से लगभग 50 लाख कर्मचारी को फायदा होगा। पिछले साल महंगाई भत्ते और ट्रांसपोर्ट अलाउंस में बढ़ोतरी हुई थी।
नई दिल्ली. सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाने पर फैसला ले सकती है। इससे करीब 50 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। कर्मचारियों द्वारा वेतन बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। केन्द्र सरकार अगले साल के शुरुआत तक इस पर आधिकारिक बयान जारी कर सकती है। न्यूनतम वेतन को 7वें पे कमीशन के अन्तर्गत बढ़ाया जाएगा, जिसमें न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए को बढ़ाकर 26,000 रुपए किया जाएगा।
नवंबर में कैबिनट बैठक
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सरकार इसी महीने के 10 नवंबर के बाद कैबिनट बैठक कर इस मामले पर फैसला लेगी। इसके अलावा कई और फैसले लिए जा सकते हैं। न्यूनतम वेतन पर कैबिनट बैठक से निकले परिणाम के बाद वित्त मंत्रालय इस पर एक आधिकारिक घोषणा करेगी। सरकार ने इससे पहले फेस्टिव सीजन पर केन्द्रीय कर्मचारियों को डबल तोहफा दिया था। महंगाई भत्ते (DA) में 5 फीसद की बढ़ोतरी के साथ ही ट्रांसपोर्ट अलाउंस(TA) को भी बढ़ाया था।
कर्मचारियों की मांग
दूसरी ओर सरकार से कर्मचारियों ने ईपीएफओ के दायरे में आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को न्यूनतम 2500 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए मासिक करने की मांग है। उनका कहना है कि इतनी महंगाई में 2500 रुपए मासिक मिलने पर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का गुजारा करना मुश्किल है।
बता दें, ईपीएस, 95 के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के बेसिक वेतन का 12 फीसद हिस्सा भविष्य निधि लिए जमा हो जाता है। इसी 12 फीसदी राशि का 8.33 फीसद हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना के लिए जमा होती है।