बंद हो सकते हैं वोडाफोन आइडिया; 10 हजार लोग होंगे बेरोजगार, आपकी जेब पर भी पड़ेगा असर

रोहतगी ने आइडिया और वोडाफोन के बंद होने पर कर्मचारियों के बोरजगार होने की चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि, कंपनी के बकाया चुकाने के बाद करीब 10 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे और 30 करोड़ यूजर्स को असुविधा होगी।'

Asianet News Hindi | Published : Feb 18, 2020 12:03 PM IST / Updated: Feb 18 2020, 06:03 PM IST

नई दिल्ली. एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के बोझ तले दबी वोडाफोन आइडिया की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि कंपनियां नीलाम होने के कगार पर हैं। इस मामले में अब वोडाफोन आइडिया के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, अगर कंपनी ये रकम चुका देती हैं उन्हें घाटे की वजह से कारोबार ही बंद करना पड़ेगा। अगर टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने कंपनी के खिलाफ बैंक गारंटी भुनाने जैसा कोई कदम उठा लिया तो कंपनी को बोरिया-बिस्तर बांधकर टेलिकॉम इंडस्ट्री से बाहर जाना पड़ सकता है। 

रोहतगी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बैंक गारंटी भुनाने की हालत में कंपनी के सामने कारोबार बंद करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा। बता दें कि कंपनी पर करीब 53 हजार करोड़ रुपए बकाया है।
वोडाफोन आइडिया को पिछले एक दशक में दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 

10 हजार लोग हो जाएंगे बेरोजगार

रोहतगी ने आइडिया और वोडाफोन के बंद होने पर कर्मचारियों के बोरजगार होने की चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि, कंपनी के बकाया चुकाने के बाद करीब 10 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे और 30 करोड़ यूजर्स को असुविधा होगी।' उन्होंने आगे कहा कि समूचे टेलीकॉम सेक्टर पर इसका असर पड़ेगा। कंपनी मुकाबले से बाहर हो जाएगी और भारतीय बाजार में केवल दो फर्म रह जाएंगी।

7000 करोड़ रुपये बकाया 

वोडाफोन आइडिया पर सरकार का 7000 करोड़ रुपये बकाया है। यह रकम ब्याज, जुर्माना और जुर्माने की रकम पर ब्याज मिलाकर यह करीब 23 हजार से 25 हजार करोड़ रुपये हो गई है। मुकुल रोहतगी ने बताया कि कंपनी ने 2150 करोड़ रुपये चुका दिए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि टेलीकॉम कंपनियां सरकार को अपने सभी बकाए का भुगतान तुरंत करें। 

बताते चलें कि वोडाफोन के अधिकारी इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि अगर कंपनी पर अचानक से पैसे चुकाने का भार पड़ेगा तो कंपनी को भारत में अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा। ऐसा होने पर हजारों लोगों से रोजगार छिन जाएगा। साल 2018 में आइडिया का वोडाफोन में विलय हो गया था। इस समय भारतीय बाजार में 'वोडाफोन आइडिया', 'भारती एयरटेल' और 'जियो' प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां हैं।

कंपनी बंद होने से पड़ेगा आपकी जेब पर असर

दरअसल वोडाफोन और आइडिया के बंद होन जाने पर न सिर्फ कर्मचारी बेरोजगार होंगे बल्कि दूसरे ग्राहकों की जेब पर भी इसका असर पड़ेगा। पिछले दिनों में भी कंपनियां टैरिफ बढ़ा चुकी हैं। पहले जियो ने आईयूसी चार्ज बढ़ाया और फिर सारी कंपनियों ने टैरिफ की कीमतें बढ़ा दीं। वोडाफोन-आइडिया के बंद होने पर एयरटेल और जियो का संचालन खर्च भी बढ़ेगा, जो सीधे टैरिफ बढ़ाने की वजह बनेगा। इससे लोगों को ज्यादा कीमत में डेटा और कॉलिंग के पैसे देने पड़ेंगे।  बता दें कि पिछले 2 सालों में ये तीसरी कंपनी होगी जो बंद होने के कगार पर है। इससे पहले एयरसेल और अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन घुटने टेक चुकी है।

बिड़ला की दूरसंचार सचिव से मुलाकात

वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कंपनी पर समायोजित सकल आय (एजीआर) के बकाये के भुगतान के भारी दबाव के बीच मंगलवार को दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से मुलाकात की। बैठक के बाद बिड़ला ने कहा कि वह ‘इस मौके पर कुछ नहीं कह सकते हैं।’’ बिड़ला का प्रयास कंपनी का कारोबार बचाने के विकल्प ढूंढना है। वोडाफोन आइडिया ने सोमवार को अपने सांविधिक बकाए में से 2,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। जबकि एक हफ्ते के भीतर दूरसंचार उद्योग को 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान और करने का वादा किया है।

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