एजीआर मामले में उच्चतम न्यायालय की फटकार और सरकार के दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने के बीच भारती एयरटेल ने सोमवार को अपने कुल सांविधिक बकाए में से दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया
नई दिल्ली: एजीआर मामले में उच्चतम न्यायालय की फटकार और सरकार के दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने के बीच भारती एयरटेल ने सोमवार को अपने कुल सांविधिक बकाए में से दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। सरकार के आकलन के अनुसार कंपनी पर उसका कुल 35,586 करोड़ रुपये सांविधिक बकाया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह बाकी की राशि का भुगतान भी स्वआकलन के बाद कर देगी। बयान में कहा गया है, ‘‘ भारती एयरटेल, भारती हेक्साकॉम और टेलीनॉर की तरफ से कुल 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।’’
टेलीनॉर इंडिया का हिस्सा भी शामिल
इसमें भारती एयरटेल की ओर से 9,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इसमें टेलीनॉर इंडिया का हिस्सा भी शामिल है क्योंकि उसका भारती एयरटेल में विलय हो गया था। बाकी 500 करोड़ रुपये का भुगतान भारती हेक्साकॉम की ओर से किया गया है।
उल्लेखनीय है कि एजीआर मामले में न्यायालय के दूरसंचार कंपनियों से वसूली के आदेश की अवहेलना करने पर कड़ी फटकार के बाद दूरसंचार विभाग 14 फरवरी से हरकत में आया और उसने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों को जल्द से जल्द अपना पिछला सांविधिक बकाया चुकाने के आदेश जारी करने शुरू कर दिए।
बाकी बची राशि 17 मार्च तक चुका देगी
विभाग ने कंपनियों को दूरसंचार सर्किल के आधार पर बकाया जमा करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही उसने कंपनियों से कहा है कि वह जल्द से जल्द अपना बकाया चुकाएं या फिर बिना किसी नोटिस के लाइसेंस की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहें।
उत्तर प्रदेश पश्चिम जैसे दूरसंचार सर्किलों के लिए कंपनियों को शुक्रवार रात 11 बजकर 59 मिनट तक ही बकाया जमा कराने का समय दिया गया। वहीं उत्तर प्रदेश पूर्व जैसे परिक्षेत्रों के लिए विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय शनिवार 15 फरवरी को भी खुले रहे। एयरटेल ने विभाग के आदेश पर शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि वह कुल बकाये में से 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान 20 फरवरी तक और बाकी बची राशि 17 मार्च तक चुका देगी।
स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क का बाकी है
लेकिन सोमवार को कंपनी ने कहा, ‘‘ हम शीघ्रता के साथ स्वआकलन की प्रक्रिया में हैं और उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई से पहले हम इस प्रक्रिया को पूरा करके बचे बकाया का भी भुगतान करेंगे।’’ एयरटेल ने कहा कि बचे हुए बकाया का भुगतान करने के वक्त वह इससे जुड़ी और जानकारी भी देगी।
एजीआर मामले में कुल 15 इकाइयों पर सरकार का 1.47 लाख करोड़ रुपये सांविधिक बकाया है। इसमें 92,642 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क का और 55,054 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क का बाकी है।
एयरटेल के अलावा वोडाफोन आइडिया पर भी सरकार का बड़ा बकाया बाकी है। वोडाफोन पर सरकार का 53,000 करोड़ रुपये सांविधिक बकाया है। इसमें 24,729 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और 28,309 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क का है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)