Budget 2022 : पीपीएफ की इंवेस्‍टमेंट लिमिट हो सकती है दोगुनी, बजट में सरकार करेगी बड़ा ऐलान

Budget 2022:आईसीएआई (ICAI) ने सुझाव दिया है कि अधिकतम पीपीएफ जमा सीमा (PPF Deposit Limit) में वृद्धि आवश्यक है क्योंकि यह सेल्‍फ इंप्‍लॉयड के लिए उपलब्ध एकमात्र सुरक्षित और कर-एफ‍िश‍िएंट सेविंग स्‍कीम (Tax-Efficient Savings Scheme) है।

Budget 2022: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने पीपीएफ यानी पब्‍लि‍क प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) की सालाना अधि‍कतम डिपॉजिट को दोगुना करने की सिफारिश की है। आईसीएआई ने सुझाव दिया है कि अधिकतम पीपीएफ डिपॉजिट लिमिट (PPF Deposit Limit) में वृद्धि आवश्यक है क्योंकि यह गैर नौकरी पेशा लोगों के लिए उपलब्ध एकमात्र सुरक्षित और टैक्‍स सेविंग स्‍कीम है। साथ ही कई सालों से पीपीएफ की अधिकतम डिपॉजिट लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आईसीएआई का मानना है कि पीपीएफ डिपॉजिट लि‍मिट में वृद्धि से डॉ‍मेस्टिक सेविंग को बढ़ावा मिलेगा।

डेढ़ लाख से 3 लाख की सिफारिश
ICAI मिनिस्‍ट्री को बजट पूर्व ज्ञापन में कहा कि PPF का उपयोग उद्यमियों और पेशेवरों द्वारा बचत के साधन के रूप में किया जाता है। नौकरीपेशा लोगों के पास अपने वेतन का 12 फीसदी ईपीएफ में जमा हो जाता है। गैर नौकरी पेशा लोगों के लिए उपलब्ध एकमात्र सुरक्षित और टैक्‍स सेविंग ऑप्‍शन पीपीएफ पीपीएफ है। इसलिए, पीपीएफ योगदान की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपए करने का सुझाव दिया जा रहा है। आईसीएआई ने कहा कि 1.5 लाख रुपए की वर्तमान सीमा कई वर्षों से नहीं बढ़ाई गई है और इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। संशोधित मौद्रिक सीमा बचत बढ़ाने में मदद करेगी और मुद्रास्फीति की दर को ध्यान में रखते हुए आवश्यक है।

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ICAI के प्रमुख सुझाव
- पीपीएफ में योगदान की वार्षिक सीमा 1.5 लाख रुपए की वर्तमान सीमा से बढ़ाकर 3 लाख रुपए करने की सिफारिश की।
- धारा सीसीएफ के तहत कटौती की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की जा सकती है।
- बड़े पैमाने पर जनता को बचत के अवसर प्रदान करने के लिए धारा 80 सी के तहत कटौती की मात्रा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जा रही है।
- केंद्रीय बजट 2022-23 1 फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाएगा।

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PPF क्या है?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड या पीपीएफ भारत में सबसे लोकप्रिय, लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में से एक है। यह रिटायरमेंट के बाद निवेशकों के लिए लंबे समय तक सेविंग करने की एक बचत योजना है। इसमें 15 साल तक के लिए निवेश किया जा सकता है। अगर आप 15 साल के बाद भी इसमें निवेश करना जारी रखना चाहते हैं तो 5-5 साल की अवधि‍ के लिए इसे बढ़ा सकते हैं। खास बात तो ये है इसमें आपको 7.1 फीसदी का सालाना रिटर्न मिल रहा है। इसका मतलब है कि इस योजना में आप सालाना डेढ़ लाख रुपए का निवेश कर करोड़पति बन सकते हैं।

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पीपीएफ के फायदे
जानकारों की मानें तो अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोलने से निवेशक के PPF निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, हालांकि तब भी इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपए ही होगी। भले ही आपको इनकम टैक्स में छूट 1.5 लाख मिले, लेकिन इसके दूसरे कई फायदे हैं। PPF निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपए हो जाती है। E-E-E कैटेगरी में आने की वजह से निवेशक को पीपीएफ के ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट मिलती है।

 

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