ABG Shipyard Case: सीबीआई ने ऋषि अग्रवाल को किया गिरफ्तार, 22000 करोड़ के बैंकिंग फ्रॉड का है आरोप

सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड घोटाला मामले में ऋषि अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। उन पर 22000 करोड़ के बैंकिंग फ्रॉड का आरोप है। 

बिजनेस डेस्कः सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड घोटाला केस में बुधवार को ऋषि अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। उन पर 22000 करोड़ के बैंकिंग फ्रॉड का मामला दर्ज है। जानकारी दें कि एबीजी शिपयार्ड, ABG ग्रुप की अग्रणी कंपनी है जो शिप निर्माण और मरम्‍मत के कार्य से जुड़ी हुई है। गुजरात की कंपनी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और एबीजी इंटरनेशनल लिमिटेड को 28 बैंकों के कंसोर्टियम ने कर्ज दिया था। 

सीबीआई ने दर्ज किया था मामला 
जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों में कंपनी के पूर्व अध्यक्ष ऋषि अग्रवाल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

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सूरत का रहने वाला है ऋषि अग्रवाल
जांच एजेंसी ने फरवरी महीने में ऋषि अग्रवाल और इस केस से जुड़े सभी आरोपियों पर दबिश दी थी। उनके खिलाफ एलओसी खोल दी गयी थी ताकि वे देश छोड़कर न जाने पाएं। सभी आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसी ने आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी सहित विभिन्‍न मामले में केस दर्ज किया था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन ही ऋषि अग्रवाल (Rishi agarwal)। ऋषि सूरत का रहने वाला है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऋषि अग्रवाल का संबंध उद्योपगति घराना रुईया बंधु से है। वर्ष 2007 में एबीजी शिपयार्ड को गुजरात सरकार की ओर से एक लाख 21 हजार वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई थी। वाइब्रेंट गुजरात में भी ऋषि ने बड़े निवेश का वादा किया था। विभिन्‍न रिपोर्टों से मिली जानकारी के अनुसार, ऋषि ने सिंगापुर की नागरिकता भी हासिल कर रखी है। 

एबीजी ग्रुप गुजरात की कंपनी है
बता दें कि एबीजी शिपयार्ड ABG ग्रुप की अग्रणी कंपनी है, जो शिप निर्माण और मरम्‍मत के कार्य करती है। एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और एबीजी इंटरनेशनल लिमिटेड गुजरात की कंपनी है। इस कंपनी को 28 बैंकों के कंसोर्टियम ने कर्ज दिया था। एसबीआई बैंक के अफसरों ने कहा था कि कंपनी के खराब प्रदर्शन की वजह से नवंबर 2013 में उसका खाता एनपीए बन गया। कंपनी को उबारने की कई कोशिश हुई लेकिन कंपनी नहीं उबर सकी।

आईसीआईसीआई को हुआ था बड़ा नुकसान
इसके बाद कंपनी का फॉरेंसिक ऑडिट हुआ। 2019 में इसकी रिपोर्ट आयी। आईसीआईसीआई बैंक इस कंसोर्टियम की अगुवाई कर रहा था। एसबीआई ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में आया है कि बैंकों को 22842 करोड़ का नुकसान हुआ, जिसमें सबसे ज्यादा 7,089 करोड़ का नुकसान आईसीआईसीआई बैंक को हुआ था।

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