सीबीआई (CBI) एजेंसी द्वारा आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramaniam Arrest) को गिरफ्तार करने का फैसला करने से पहले उनसे चेन्नई में कई दिनों तक पूछताछ की गई थी। जांच एजेंसी ने पहले आनंद सुब्रमण्यम से एक्सचेंज (NSE) में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की थी कि वह एनएसई में ग्रुप ऑपरेशनल ऑफिसर (NSE GOO) के रूप में कैसे आए।
बिजनेस डेस्क। सीबीआई (CBI) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में एनएसई के फॉर्मर ग्रुप ऑपरेशनल ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम (Former Group Operational Officer of NSE Anand Subramaniam) को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला करने से पहले उनसे चेन्नई में कई दिनों तक पूछताछ की गई थी। जांच एजेंसी ने पहले आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramaniam Arrest) से एक्सचेंज में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की थी कि वह एनएसई में ग्रुप ऑपरेशनल ऑफिसर के रूप में कैसे आए।
चित्रा समेत की थी कई लोगों से पूछताछ
इसके अलावा तत्कालीन एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण के साथ उनका कैसे कनेक्शन हुआ। सीबीआई अधिकारियों की एक टीम ने कुछ दस्तावेज लेने के लिए हाल ही में मुंबई में बाजार नियामक सेबी के कार्यालय का भी दौरा किया था। सीबीआई ने एनएसई के पूर्व सीईओ रामकृष्ण और रवि नारायण से भी पूछताछ की थी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रामकृष्ण और अन्य पर सुब्रमण्यम को मुख्य रणनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त करने और ग्रुप ऑपरेशनल ऑफिसर और एमडी के सलाहकार बनाने पर आरोप लगाए थे।
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एनएसई में आनंद का सफर
रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई के एमडी और सीईओ थी, नारायण अप्रैल 1994 से मार्च 2013 तक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ थे। इसके बाद, उन्हें एनएसई के बोर्ड में नॉन-एग्जिक्यूटिव कैटेगिरी में वाइस प्रेसीडेंट के रूप में नियुक्त किया गया था। अप्रैल 2013 और जून 2017 तक ऐसा ही रहा। रामकृष्ण ने 11 फरवरी को सेबी के एक आदेश के बाद सुर्खियां बटोरीं, जिसमें कहा गया था कि आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज के ग्रुप ऑपरेशनल ऑफिसर और प्रबंध निदेशक (एमडी) के सलाहकार के रूप में नियुक्त करने में हिमालय पर्वतमाला में रहने वाले एक योगी का बड़ा हाथ है।
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लगाया गया था करोड़ों रुपयों का फाइन
सेबी ने एनएसई की सीईओ चित्रा रामकृष्ण पर 3 करोड़, आनंद सुब्रमण्यम और एनएसई के पूर्व एमडी और सीईओ रवि नारायण पर 2 करोड़ रुपए और मुख्य नियामक अधिकारी वीआर नरसिम्हन पर 6 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक ब्रोकिंग फर्म के मालिक और अन्य पर एनएसई को-लोकेशन सुविधा के कथित दुरुपयोग के संबंध में भी मामला दर्ज किया था ताकि शेयर बाजार में जल्दी पहुंच प्राप्त कर लाभ प्राप्त किया जा सके।
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कंपनी को दिया गया था सर्वर का एक्सेस
यह आरोप लगाया गया था कि एक निजी कंपनी के मालिक और प्रमोटर ने एनएसई के अज्ञात अधिकारियों के साथ साजिश में एनएसई के सर्वर आर्किटेक्चर का दुरुपयोग किया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि एनएसई, मुंबई के अज्ञात अधिकारियों ने 2010-2012 की अवधि के दौरान को लोकेशन फैसिलिटी का उपयोग करते हुए उस कंपनी को इललीगल एक्सेस दिया था, जिसने इसे स्टॉक एक्सचेंज के एक्सचेंज सर्वर में पहले लॉगिन करने में सक्षम बनाया जिससे डाटा प्राप्त करने में मदद मिली।