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क्या फाइनेंस मिनिस्ट्री से जुड़ा है चित्रा का योगी बाबा, जिसके कहने पर लिए जाते थे सारे फैसले
एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृषण (NSE former CEO Chitra Ramakrishna) ने एक योगी की सलाह पर फैसले लिए, लेकिन वो योगी कौन है किसी को इस बात की जानकारी नहीं है। सीबीआई (CBI Investigation) इस पूरे मामले की जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार इस योगी का ना तो हिमालय से कोई रिश्ता है ना ही यह कोई बाबा है। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि यह कोई फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) का कोई बड़ा ऑफिशियल है। जिसने चित्रा को बड़ा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चित्रा पर योगी के साथ सीक्रेट बातें शेयर करने के आरोप है। जिसके लिए उनपर 3 करोड़ रुपए का आरोप भी लगाया गया था।
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को-लोकेशन स्कैम की जांच जैसा
जानकारों का कहना है कि सीबीआई को इस मामले की तह तक जाना होगा, तभी कुछ निकलकर सामने आने की संभावना है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इस मामले का हश्र को-लोकेशन स्कैम की जांच जैसा होगा और योगी को पकड़ना नामुमकिन हो जाएगा। वैसे इस मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के दूसरे अधिकारियों से भी पूछताछ हो सकती है। को-लोकेशन स्कैम 2015 में सामने आया था, जिसमें सेबी ने एनएसई पर जुर्माना लगाकर मामले को हल्के में छोड़ दिया था।
योगी को एनएसई के बारे में पता होती थी हरेक बात
सेबी ने योगी के ईमेल को पढ़ा और पता लगाया कि इसे एनएसई के बारे में हरेक बात की जानकारी होती थी। उसे एनएसई के वर्किंग पैटर्न के साथ अधिकारियों के बारे में सभी जानकारी थी। जबकि आनंद बाहर का आदमी था और उसे एक्सचेंज के बारे में इतनी डिटेलिंग नहीं थी। ऐसे में इस बात की संभावना है कि बाबा कोई और नहीं बल्कि वित्त मंत्रालय का ही कोई आदमी है।
आनंद बाबा है इसकी संभावना नहीं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम के योगी होने की संभावना काफी कम है। इसका कारण यह है कि चित्र और बाबा के बीच जिस तरह की बातें होती थी, उससे लगता है कि वो कोई बड़ा आदमी है। दोनों के बीच हुए मेल में सुब्रमण्यम का भी जिक्र हुआ है।
20 साल पहले हुई थी योगी और चित्र की मुलाकात
हिमालय के योगी के बारे में कोई नहीं जानता है। बाबा की एक ईमेल आईडी rigyajursama@outlook.com मिली है, जिसके थ्रू योगी और चित्रा के बीच आपस में बातें होती थी। मिली है। चित्रा ने सेबी को इंवेस्टीगेशन में बताया कि योगी एक परमहंहैं और हिमालय रेंज में रहते हैं। चित्रा ने यह भी बताया कि उनकी 20 साल पहले योगी से गंगाघाट पर उनसे मुलाकात हुई थी। वो बाबा से ईमेल के थ्रू सारी बातें सलाह और निर्देश लिया करती थी। वो उनसे कर्मचारियों के प्रमोशन, रेटिंग, सीक्रेट इंफॉर्मेशन, मीटिंग का एजेंडा तक उनसे शेयर करती थी। चित्रा के अनुसार योगी कभी भी कहीं से प्रकट हो सकते थे।
योगी की सलाह पर आनंद को दिया था बड़ा पद
बाबा की सलाह पर ही चित्रा ने आनंद सुब्रमण्यम को एनएसई में ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और एमडी का एडवाइजर अपॉइंट किया था। चित्रा अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2016 तक एक्सचेंज की एमडी और सीईओ थी इस दौरान वो योगी की सलाह पर लगातार फैसले लेती थी। चित्रा पर्सनल और प्रॉफेशनल दोनों ही मामलों में योगी से सलाह लेती थी, उनने बिना वो कोई कदम नहीं बढ़ाती थी। 20 सालों से योगी के कहने पर चली आ रही थी।
इन लोगों से भी हुई है पूछताछ
इस पूरे मामले में चित्रा के साथ और भी कई लोगों से पूछताछ हुई। सीबीआई ने NSE के एक पूर्व सीईओ रवि नारायण से को-लोकेशन मामले में पूछताछ की है। CBI ने NSE के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम और पूर्व CEO रवि नारायण के साथ, चित्रा रामकृष्ण पर भी प्रतिबंध लगाया है। जानकारी के अनुसार तीनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुअरा है, अब ये तीनों देश छोड़कर नहीं जा पाएंगे।