अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई उपायों पर काम कर रही है केंद्र सरकार: सीतारमण

अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टैक्स में कटौती सहित कई अन्य उपायों पर विचार कर रही हैं वित्त मंत्री ने कहा कि उनका ध्यान इस बात पर है कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए अधिक-से-अधिक कदम उठाए जाएं
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2019 12:46 PM IST

नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टैक्स में कटौती सहित कई अन्य उपायों पर विचार कर रही हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि उनका ध्यान इस बात पर है कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए अधिक-से-अधिक कदम उठाए जाएं। सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि टैक्स व्यवस्था को और सरल बनाया जाएगा। वित्त मंत्री के रूप में उनके कामकाज की आलोचना पर सीतारमण ने कहा कि यह उनके काम का हिस्सा है और वह इसे संभाल लेंगी। 

कृषि को बेहतर बनाने के लिए उठाए जा रहें है कदम

वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम में  प्याज की आसमान छूती कीमतों के संदर्भ में कहा कि कई मौकों पर किसी वस्तु का दाम बहुत अधिक बढ़ जाता है लेकिन सवाल ये है कि क्या इसका लाभ किसानों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बहस इस बात पर होनी चाहिए कि प्याज की कीमतों से किसानों को मदद मिल रही है या नहीं।

उन्होंने कृषि क्षेत्र के बारे में कहा कि कृषि को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे काम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई तरीकों से ऐसा किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके बावजूद पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण कृषि क्षेत्र को नुकसान हो रहा है। 

जीएसटी को सुव्यवस्थित करने की जरुरत

सीतारमण ने जीएसटी के बारे में कहा कि करों की संरचना के बारे में जीएसटी परिषद निर्णय लेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सेस के रूप में इकट्ठा राशि पर्याप्त नहीं है कि उससे राज्यों को 14 फीसद की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने जीएसटी को सुव्यवस्थित करने की दिशा में काम किया है। उन्होंने जीएसटी को अच्छा कानून बताते हुए कहा कि भारत जैसे बड़े देश को ऐसे कर व्यवस्था की जरूरत है। उन्होंने जीएसटी लागू करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली को दिया।

घर खरीददारों की मांगें पूरी हो

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि घर खरीददारों की मांगें पूरी हो सकें। उन्होंने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के संदर्भ में कहा कि रिजर्व बैंक लगातार उनकी हालत पर नजर रख रहा है और वह भी एनबीएफसी कंपनियों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सरकारी बैंकों ने उपभोग को बढ़ावा देने के लिये पिछले दो महीने में करीब पांच लाख करोड़ रुपये वितरित किए हैं।

(फाइल फोटो)
 

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