दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम (Bitcoin Price) 39,000 डॉलर से नीचे आ गए हैं। क्रिप्टोकरेेंसी (Cryptocurrency Price) में बड़ी गिरावट की वजह से महंगाई के डाटा (Infaltion Data) और लगातार जियो पॉलिटकल टेंशन (Geo Political Tension) की वजह से भी है। जिनका असर स्टॉक मार्केट (Stock Market)में भी देखने को मिला है।
बिजनेस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) के क्रिप्टो पर कार्यकारी (Executive Order on Crypto) आदेश के बाद क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में गिरावट देखने को मिल रही है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम (Bitcoin Price) 39,000 डॉलर से नीचे आ गए हैं। क्रिप्टोकरेेंसी (Cryptocurrency Price) में बड़ी गिरावट की वजह से महंगाई के डाटा (Infaltion Data) और लगातार जियो पॉलिटकल टेंशन (Geo Political Tension) की वजह से भी है। जिनका असर स्टॉक मार्केट (Stock Market)में भी देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आज बिटकॉइन और दुनिया की दूसरी बड़ी क्रिप्टोकरेंसीज के दाम कितने हो गए हैं।
बिटकॉइन की कीमत 39000 डॉलर से नीचे
बिटकॉइन की कीमत आज 5 फीसदी गिरकर 38,655 डॉलर पर कारोबार कर रही थी। दुनिया की सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी 2022 में अब तक लगभग 16 फीसदी नीचे है। वहीं दूसरी ओर ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप 1.81 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया है। पिछले 24 घंटों में मार्केट कैप में 5 फीसदी से ज्यादा का बदलाव देखने को मिला है।
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दूसरी करेंसीज का कैसा रहा प्रदर्शन
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम 4 फीसदी से ज्यादा गिरकर 2,567 डॉलर पर आ गई है। डॉगकोइन की कीमत 3 फीसदी से अधिक गिरकर 0.11 डॉलर हो गई, जबकि शीबा इनु 4 फीसदी कम होकर 0.000022 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। एवालांशे, कार्डानो, लिटकोइन की कीमतों में गिरावट के रूप में अन्य डिजिटल टोकन के प्रदर्शन में गिरावट आई, जबकि स्टेलर, एक्सआरपी, यूनिस्वैप, सोलाना, पॉलीगॉन, पोलकाडॉट 3-8 फीसदी की सीमा में कटौती के साथ कारोबार कर रहे थे, हालांकि, टेरा लाभ के साथ अधिक था।
महंगाई और जियो पालिटिकल टेंशन का असर
अमेरिकी महंगाई 40 साल के हाई पर पहुंचने के बाद अमेरिकी स्टॉक और दूसरे रिस्की असेट्स में दबाव देखने को मिला। रूस-यूक्रेन संकट के कारण बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच व्यापक बाजार बिकवाली के बीच क्रिप्टोकरेंसी में हालिया अस्थिरता आई है। वहीं दूसरी ओर फेड भी महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने के संकेत दे चुका हैं जिसकी वजह से फेड आने वाले दिनों में 7 गुना तक ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है।