रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज को खत्म कर दिए जाने पर कर्मचारी अब सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। देश भर में रेस्टोरेंट के शेफ, वेटर और किचन स्टाफ का कहना है कि सर्विस चार्ज हमारे लिए एक्स्ट्रा इनकम की तरह होता था।
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने होटल और रेस्टोरेंट में लगनेवाले सर्विस चार्ज को खत्म कर दिया है। इसको लेकर वेटर और अन्य कर्मचारियों ने नाराजगी जताई है। कहा है कि अब उन्हें टिप भी नहीं मिलेगा। जिस कारण सैलरी में बढ़ोतरी (Employees at restaurants want salary hike) होनी चाहिए। पिछले काफी वक्त से चले आ रहे सर्विस चार्ज विवाद को लेकर सरकार ने सोमवार 4 जुलाई को यह घोषणा कर दी है कि अब किसी भी ग्राहक से रेस्टोरेंट या होटल सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकता है। खुद-ब-खुद लगनेवाले सर्विस चार्ज को भी सरकार ने खत्म कर दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर कस्टमर चाहे तो खुशी से टिप दे सकता है। वेटर अपनी तरफ से इसकी मांग नहीं कर सकता है।
मनोबल में आई है कमी
इस बारे में उत्तराखंड के रहने वाले 27 वर्षीय प्रकाश सिंह दक्षिण दिल्ली में मशहूर मोती महल डीलक्स रेस्टोरेंट में शेफ हैं। उनका कहा है कि ग्राहकों से लिए जाने वाला सर्विस चार्ज कर्मचारियों में बांटा जाता था। यह ‘अतिरिक्त आय’ और प्रोत्साहन होता था। मुझे इस व्यवसाय में आए करीब पांच साल हो गए हैं। एक शेफ के रूप में मैं मेहमानों के लिए लजीज खाना बनाता रहूंगा लेकिन इस फैसले ने हमारे मनोबल पर असर डाला है। अब हमें केवल अपने वेतन से ही संतुष्ट रहना होगा। 14,000 रुपये की तनख्वाह से महंगाई के इस दौर में गुजारा करना संभव नहीं है। इसलिए मैं अपने इंप्लॉयर से सैलरी बढ़ाने की मांग करूंगा।
होटल के मैनेजर तक नौकरी तलाशने को मजबूर
इसी रेस्टोरेंट में 18 वर्षों से काम कर रहे और मैनेजर नवीन पांडे ने भी अपने सहयोगियों की बात से सहमति जताई है। दिल्ली निवासी नवीन पांडे ने कहा कि अगर सैलरी नहीं बढ़ी तो दूसरी जॉब तलाशनी पड़ेगी। सर्विस चार्ज खत्म करने के फैसले को पूरे भारत में होटल बिजनेसमैन, रेस्टोरेंट मालिकों और संघों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। इनमें से कईयों ने कहा है कि इस फैसले से उनके बिजनेस में कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं अन्य ने आशंका जताई कि इससे उनके राजस्व पर असर पड़ सकता है।
इंप्लॉई ने कहा हम समझौता नहीं करेंगे
बता दें कि रेस्टोरंट बिजनेस में शेफ, वेटर और किचन इंप्लॉई अहम भूमिका निभाते हैं। कुछ डेस्क कर्मी या प्रबंधक होते हैं। एक रिपोर्ट के दौरान दिल्ली से लेकर कोलकाता, मुंबई और चेन्नई तक कई नामचीन और छोटे रेस्टोरेंट से बातचीत की गई है। इन लोगों में दो राय के लोग थे। कुछ का कहना था कि हमें ना चाहते हुए भी नियमों को मानना होगा। वहीं कुछ का कहना था कि हम अपने मौजूदा सैलरी से समझैता नहीं करेंगे। इसके साथ ही देश के कई रेस्टोरेंट के कर्मचारी भी सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
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