केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने प्रोविडेंट फंड (PF) में किए गए कंट्रीब्यूशन और उससे मिलने वाले ब्याज को लेकर नए नियम जारी किए हैं। इसमें ब्याज दर से लेकर टैक्स को लेकर तमाम बातें जुड़ी हैं। आइए 10 प्वाइंट में पूरी बात समझते हैं।
बिजनेस डेस्कः ईपीएफ (EPF) लाखों कर्मचारियों की सबसे महत्वपूर्ण फाइनांशियल प्लानिंग और रिटायरमेंस इनवेस्टमेंट के का बेहतरीन विकल्प है। सुनिश्चित रिटर्न और टैक्स बेनिफिट्स के लिए ईपीएफ इन्वेस्टमेंट का बेहतर विकल्प है। ऐसे में जानकारी दें कि इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड के नियम में 1 अप्रैल से बदलाव हुआ है। इस नियम के मुताबिक पीएफ में एक सीमा से ज्यादा कंट्रिब्यूशन पर टैक्स लगेगा। नए नियम के तहत अगर एक फाइनेंशियल ईयर में पीएफ में कुल कंट्रिब्यूशन 2.50 लाख रुपये से ज्यादा रहता है तो उस पर टैक्स लगेगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
1 अप्रैल से बदल गए हैं कुछ नियम
ईपीएफ के नए नियम के मुताबिक, अगर कर्मचारी का एक फाइनेंशियल ईयर में पीएफ में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा होता है तो उस पर टैक्स लगेगा। यह नियम सिर्फ पीएफ में जमा होने वाले कर्मचारी के अकाउंट के लिए है। आपके पीएफ में कंपनी की तरफ से जमा किए जाने वाले अमाउंट पर यह नियम लागू नहीं होगा।
जानें इससे जुड़ी खास बातें
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