सरकार नहीं बढ़ाएगी टैक्स रिटर्न भरने की समय सीमा, 5 प्वाइंट्स में जानें 31 जुलाई तक क्यों भरना चाहिए आईटीआर

आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई है और सरकार इस समयसीमा (Deadline) को और आगे बढ़ाने की इच्छुक नहीं है। अब यह तय हो गया है कि आयकर रिटर्न भरने की टाइमिंग नहीं बढ़ाई जाएगी।

Manoj Kumar | Published : Jul 25, 2022 12:53 PM IST / Updated: Jul 25 2022, 06:24 PM IST

Income Tax Return File. केंद्र सरकार की ओर से यह क्लीयर कर दिया गया है कि आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समयसीमा 31 जुलाई ही होगी। इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। सरकार का सुझाव है कि किसी तरह की पेनाल्टी से बचने के लिए सभी को समय से आईटी रिटर्न दाखिल करना चाहिए। हालांकि पिछले दो वर्षों में कोविड की वजह से परेशान लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने टैक्स रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ाई थी लेकिन इस वर्ष हालात वैसे नहीं हैं, इसलिए अब टाइमिंग नहीं बढ़ाई जाएगी। 5 प्वाइंट में समझें ऐसा क्यों किया गया...

1. आयकर (आई-टी) नियमों के अनुसार व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा एक वित्तीय वर्ष का आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा अगले वर्ष की 31 जुलाई तक ही होती है। ये वैसे खाते होते हैं जिनका ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं होती है।

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2. राजस्व सचिव ने कहा कि करदाताओं की प्रतिक्रिया यह है कि रिटर्न फॉर्म दाखिल करना अब बहुत आसान हो गया है। रिफंड भी जल्दी जारी किया जाता है। कर विभाग ने एक नया I-T फाइलिंग पोर्टल भी लॉन्च किया है। जिसकी वजह से टैक्स रिटर्न भरना काफी सरल हो गया है।

3. राजस्व सचिव ने कहा कि पिछली बार हमने देखा कि टैक्स रिटर्न के अंतिम दिन करीब 50 लाख से अधिक लोगों ने रिटर्न दाखिल किया था। इसलिए हमने इस बार तैयारी की है इस बार अंतिम दिन 1 करोड़ लोग भी टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। 

4. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 (FY21) में 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाई गई डेट तक लगभग 5.89 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे। आईटीआर के माध्यम से एक व्यक्ति को भारत के आयकर विभाग को टैक्स जमा करना होता है। इसमें किसी विशेष वित्तीय वर्ष के दौरान व्यक्ति की आय और उस पर भुगतान किए जाने वाले करों की जानकारी शामिल नहीं होती। 

5. यदि किसी व्यक्ति की आय छूट की सीमा से अधिक है तो उसे कर रिटर्न दाखिल करना होगा। नई कर व्यवस्था के तहत छूट की सीमा ₹ 2.5 लाख निर्धारित की गई है। पुरानी व्यवस्था के तहत 60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए छूट की सीमा ₹ 2.5 लाख है। 60 से 80 वर्ष (वरिष्ठ नागरिक) के बीच के लोगों के लिए ₹ 3 लाख और 80 वर्ष (सुपर सीनियर सिटीजन) से अधिक आयु वालों के लिए यह सीमा ₹ 5 लाख तक है। 

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