
बिजनेस डेस्क। सरकार ने सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी लोकप्रिय योजनाओं सहित सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरों को एक फिर से स्टेबल रखा है। इसका मतलब है कि इन सभी छोटी स्कीम्स की ब्याज दरों में सरकार ने किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले सरकार ने ईपीएफओ की ब्याज दरों को कम करते हुए 40 साल के निचले स्तर पर ला दिया था। जिससे उम्मीद लगाई जा रही थी कि सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में गिरावट करेगी, लेकिन सरकार ने मिडिल क्लास को ऐसा ना करके राहत दी है।
कितना मिलेगा ब्याज
छोटी बचत योजनाओं में, सुकन्या समृद्धि योजना 7.6 फीसदी की ब्याज दर दे रही है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 7.4 फीसदी और पीपीएफ 7.1 फीसदी की कमाई कराती हैं। दूसरी ओर, एसबीआई की 5-10 साल की फिक्स्ड डिपोजिट पर 5.50फीसदी की ब्याज दर साथ कमाई होती है। ईपीएफओ अभी 8 फीसदी से ज्यादा के सालाना रिटर्न के साथ सबसे ज्यादा कमाई कराने वाला असेट बना हुआ है।
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ईपीएफओ की ब्याज दर को किया था कम
वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर, 1 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 30 जून, 2022 को समाप्त होने वाली, चौथी तिमाही (1 जनवरी 2022) के लिए लागू वर्तमान दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया हैै। इस महीने की शुरुआत में, ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए ब्याज दर को चार दशक के निचले स्तर 8.1 फीसदी से कम करने का फैसला किया था। 2020-21 के लिए दर 8.5 फीसदी थी।
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एक अप्रैल से बदल रहे हैं नियम
गौरतलब है कि 1 अप्रैल 2022 से डाकघर वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, मासिक आय योजना और सावधि जमा खातों पर नकद में ब्याज देना बंद कर देंगे। ब्याज केवल खाताधारक के डाकघर बचत खाते या बैंक खाते में ही जमा किया जाएगा। यदि खाताधारक अपने बचत खाते को वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, मासिक आय योजना और सावधि जमा खातों के साथ जोड़ने में सक्षम नहीं है, तो बकाया ब्याज का भुगतान केवल डाकघर बचत खाते में जमा या चेक द्वारा किया जाना चाहिए। डाक विभाग ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, मासिक आय योजना और सावधि जमा खाताधारकों से ब्याज भुगतान के लिए अपने बचत खाते (या तो डाकघर बचत खाता या बैंक खाता) को जोड़ने का आग्रह किया है।