
बिजनेस डेस्क। त्योहारी सीजन में कारोबारी गतिविधियां बढ़ने से यह उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर महीने में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए को पार कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो पिछले 8 महीनों में पहली बार होगा। जीएसटी कलेक्शन से जुड़े अधिकारियों ने यह उम्मीद जताई है कि इस महीने में 1 लाख करोड़ से ज्यादा जीएसटी कलेक्शन संभव है, क्योंकि लॉकडाउन के बाद कारोबारी गतिविधियों में तेजी आई है और अब हालात सामान्य हो रहे हैं।
कब है रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख
जीएसटी कलेक्शन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पिछले महीने की रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 20 नवंबर रखी गई है। इसकी फाइलिंग करदाता GST फॉर्म नंबर 3 B (GSTR-3B) के जरिए करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल इस समय तक 1.1 मिलियन से ज्यादा जीएसटीआर -3 बी रिटर्न (GSTR-3B Returns) दाखिल किए गए थे, जो इस साल 4 अक्टूबर तक 485,000 की तुलना में अधिक है।
जीएसटी भरपाई के लिए सरकार ले रही है लोन
जीएसटी कलेक्शन का बढ़ना सरकार के लिए अच्छी बात है, क्योंकि केंद्र सरकार राज्यों की 2.35 लाख रुपए की जीएसटी (GST) की भरपाई के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए का लोन ले रही है। कोरोनावायरस महामारी के चलते 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। यह 68 दिनों तक चला था। इसके अर्थव्यवस्था गंभीर असर पड़ा था। इससे जीएसटी कलेक्शन पर बहुत बुरा असर पड़ा।
6 राज्यों को मिली जीएसटी क्षतिपूर्ति की पहली किस्त
केंद्र सरकार ने 16 राज्यों एवं दो केंद्र शासित प्रदेशों को GST क्षतिपूर्ति की पहली किस्त के रूप में कर्ज लेकर 6,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने GST क्षतिपूर्ति को लेकर विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों की मांग को स्वीकार कर लिया था। उनकी मांग थी कि केंद्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों की GST की क्षतिपूर्ति करे।
क्या कहा वित्त मंत्रालय ने
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार राज्यों को GST में 1.1 लाख करोड़ रुपए की कमी की क्षतिपूर्ति के लिए बाजार से किस्तों में कर्ज लेगी। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने 2020-21 में GST कलेक्शन में कमी को पूरा करने के लिए विशेष कर्ज की व्यवस्था की है। कुल 21 राज्यों और 2 केंद्र शासित राज्यों ने इस व्यवस्था का विकल्प चुना है। पांच राज्यों में GST क्षतिपूर्ति मद में कोई कमी नहीं है।
केंद्र के राजकोषीय घाटे पर नहीं होगा असर
वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह कर्ज 5.19 फीसदी ब्याज पर लिया गया है और इसकी मियाद 3 से 5 साल के लिए है। मंत्रालय ने कहा है कि हर सप्ताह राज्यों को 6000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। वित्त मंत्रालय का कहना है कि इसका राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं होगा।