जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने सर्वसम्मति से कपड़ों पर जीएसटी में वृद्धि GST Hike) को 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक टालने का निर्णय लिया है। भविष्य के रोडमैप के लिए परिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे पर फिर से चर्चा की जाएगी।
बिजनेस डेस्क। जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Council Meeting) में देश और प्रदेश के फाइनेंस मिनिस्टर्स ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। काउंसिल ने एक हजार रुपए से कम कीमत के कपड़ों पर जीएसटी बढ़ाने (GST Hike) के फैसले को फिलहाल टाल दिया है। इस पर अब फरवरी में होने वाली जीएसटी काउंसिल मीट पर फैसला लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर ओर जूतों पर यह फैसला अभी कायम है। आपको बता दें कि एक जनवरी से एक हजार रुपए के कम के कपड़ों और जूतों पर जीएसटी बढ़ाने का फैसला लिया गया था।
कपड़ों पर नहीं बढ़ेगा जीएसटी
दिल्ली में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में भाग लेने आए हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने कपड़ों पर जीएसटी की दर में वृद्धि 5 फीसदी से 12 फीसदी करने के फैसले को होल्ड या यूं कहें कि स्थगित करने का निर्णय लिया है। परिषद फरवरी 2022 में अपनी अगली बैठक में इस मामले की समीक्षा करेगी।
जूतों पर कायम रहेगा फैसला
वहीं दूसरी ओर जूतों पर यह फैसला पूरी तरह से कायम रहेगा। जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में एक हजार से नीचे के रेडीमेड कपड़े और जूते पर टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया गया था। कपड़ों पर से यह फैसला वापस ले लिया गया है, लेकिन जूतों पर यह फैसला अभी लागू रहेगा। अब अगले महीने से एक हजार रुपए से कम की कीमत के जूतों और चप्पलों पर पांच फीसदी की जगह 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा।
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राज्यों की ओर से किया गया था विरोध
एक दिन पहले प्री बजट मीटिंग में देश की वित्त मंत्री के सामने राज्यों के मंत्रियों ने जीएसटी हाइक के फैसले का विरोध किया था। विरोध करने वाले राज्यों में गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान एवं तमिलनाडु जैसे राज्य शामिल थे। दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा था कि इस फैसले से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को काफी नुकसान होगा। इससे आम आदमी पर भी काफी प्रभाव पड़ेगा। इसे 5 फीसदी से ज्यादा नहीं बड़ाना चाहिए।
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व्यापारी संगठन ने फैसले का किया स्वागत
इस इस फैसले का स्वागत व्यापारी संगठन कैट ने भी किया है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इससे देश के लाखों टेक्सटाइल कारोबारियों को राहत मिलेगी। पिछली बैठक में जीएसटी बढ़ाने के फैसले के बाद कारोबारियों में काफी तनाव था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कपड़ों पर से जीउसटी बढ़ाने के फैसले को वापस लिया गया है, उसी तरह से कुटवियर इंडस्ट्री को भी राहत मिलनी चाहिए।