Home Loan : अगर आप भी ले रहे हैं लोन तो जान लीजिए कितने तरह के लगते हैं चार्ज

बैंक Home Loan पर कई तरह के चार्ज लगाता है, जिन्हें उधारकर्ता चुकाता है। अधिकतर चार्ज के बारे में बोरोअर को जानकारी तक नहीं होती है। होम लोन को अप्लाई करने से पहले सभी डॉक्युमेंट्स को ध्यान से पढऩा जरूरी है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 12, 2021 3:24 AM IST

 बिजनेस डेस्क। जब आप होम लोन लेते हैं और उसका ईएमआई में भुगतान करते हैं तो आपको साथ में कई तरह के शुल्कों का भी भुगतान करना होता है। ये शुल्क सभी तरह के लेंडर्स (बैंक, होम फाइनेंस कंपनीज और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज) में अलग-अलग होते हैं। इसके अलावा, कुछ लेंडर्स अलग से भी से शुल्क लगा सकते हैं या दूसरे शुल्कों को एक साथ जोड़ सकते हैं। कुछ शुल्क निश्चित राशिके होते हैं, वहीं कुछ शुल्क ऐसे भी हैं जो होम लोन की कुल राशि के प्रतिशत के रूप में होते हैं। अन्य होम लोन राशि के प्रतिशत के रूप में जुड़े हुए हैं। इन शुल्कों के बारे में जानना काफी जरूरी है, क्यों कि इन शुल्कों की वजह से आपके होम लोन की लागत में इजाफा हो जाता है।

लॉग-इन चार्ज
इसे आवेदन शुल्क के रूप में भी जाना जाता है, यह लोन आवेदन का मूल्यांकन करने के लिए लेंडर द्वारा लिया जाने वाला एक प्राइमरी चार्ज है। इस स्तर पर लेंडर यह आकलन करता है कि आवेदन में आगे के प्रोसेस के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ सभी प्रासंगिक और सटीक जानकारी है या नहीं।

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प्रोसेसिंग फीस
क्रेडिट अंडरराइटिंग प्रक्रिया के दौरान एक ऋण आवेदन का मूल्यांकन कई मापदंडों पर किया जाता है जिसमें केवाईसी सत्यापन, वित्तीय मूल्यांकन, रोजगार सत्यापन, निवास और कार्यालय का पता सत्यापन, क्रेडिट इतिहास मूल्यांकन आदि शामिल होता है। लेंडर प्रोसेसिंग फीस के माध्यम से क्रेडिट हामीदारी प्रक्रिया से संबंधित सभी लागतों की वसूली करता है। कुछ लेंडर प्रोसेसिंग फीस के रूप में एक समान शुल्क लेते हैं जबकि अन्य आमतौर पर ऋण राशि का 2 फीसदी तक लेते हैं।

तकनीकी मूल्यांकन शुल्क
जिस संपत्ति के लिए होम लोन लिया गया है, उसके फिजिकल हेल्थ और बाजार मूल्य का आकलन करने के लिए लेंडर्स तकनीकी विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं। ये विशेषज्ञ कई मानकों पर संपत्ति का मूल्यांकन करते हैं जैसे वैधानिक अनुमोदन, लेआउट अनुमोदन, भवन विनिर्देशों, निर्माण मानदंडों का अनुपालन आदि। वे विभिन्न माध्यमों से संपत्ति का बाजार मूल्य भी निर्धारित करते हैं जिसमें भूमि की लागत और निर्माण लागत भी शामिल होती है। जहां कई लेंडर इस शुल्क को अपने प्रोसेेसिंग फीस में शामिल करते हैं, वहीं कुछ इसे अलग से चार्ज करते हैं।

कानूनी शुल्क
सभी लेंडर्स लोन देने से पहले इस बात की भी जांच करते हैं कि जिस संपत्ति के लिए बोरोअर लोन ले रहा है वो प्रॉपर्टी किसी कानूनी विवाद में तो नहीं फंसी हुई है। जिसके वो लीगल एक्सपर्ट को हायर करते हैं। यह लीगल एक्सपर्ट प्रासंगिक कानूनी पहलुओं की जांच करते हैं जैसे कि टाइटल डीड, प्रॉपर्टी की डिवैल्यूएशन, अनापत्ति प्रमाण पत्र, ऑक्युपेंसी प्रमाण पत्र आदि उसके बाद वो लेंडर को अपनी अंतिम राय देते हैं कि इस प्रॉपर्टी पर लोन देना चाहिए या नहीं।

फ्रैंकिंग शुल्क
फ्रैंकिंग आपके गृह ऋण समझौते पर आम तौर पर एक मशीन के माध्यम से मुहर लगाने की प्रक्रिया है, इस प्रकार यह पुष्टि करता है कि आपने आवश्यक स्टाम्प शुल्क भुगतान किया है। गृह ऋण समझौते की फ्रैंकिंग आमतौर पर सरकार द्वारा अधिकृत बैंकों या एजेंसियों द्वारा की जाती है। यह शुल्क भारत के कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र और कर्नाटक में ही लागू है। फ्रैंकिंग शुल्क आम तौर पर होम लोन मूल्य का 0.1 फीसदी होता है।

प्री-ईएमआई शुल्क
होम लोन के वितरण के बाद अगर उधारकर्ता को घर का कब्जा मिलने में देरी होती है, तो लेंडर एक साधारण ब्याज लेता है जिसे प्री-ईएमआई कहा जाता है जब तक कि उधारकर्ता को घर का कब्जा नहीं मिल जाता है, जिसके बाद ईएमआई भुगतान शुरू हो जाएगा।

वैधानिक या नियामक शुल्क
ये वे शुल्क हैं जो ऋणदाता द्वारा होम लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया में वैधानिक निकायों की ओर से एकत्र किए जाते हैं। यह ज्यादातर विभिन्न शुल्कों पर स्टांप ड्यूटी और जीएसटी के रूप में होता है जो लेंडर द्वारा एकत्र किया जाता है और सरकार को भुगतान किया जाता है।

री-अप्रेजल फीस
होम लोन आवेदन की मंजूरी सीमित वैधता अवधि के साथ आती है। यदि आपका लोन अप्रूव्ड हो गया है, लेकिन आप लंबी अवधि के लिए संवितरण नहीं करते हैं, तो लेंडर  आपके ऋण आवेदन के री-अप्रेजल के लिए जाएगा। यह अवधि सभी उधारदाताओं में भिन्न होती है और आमतौर पर छह महीने तक हो सकती है। उदाहरण के लिए, एचडीएफसी उन मामलों में 2,000 रुपए का री-अप्रेजल फीस लेता है, जहां छह महीने की प्रारंभिक मंजूरी समाप्त हो जाती है।

इंश्योरेंय प्रीमियम
कई लेंडर्स उधारकर्ताओं से संपत्ति को किसी भी भौतिक क्षति से होने वाले नुकसान को लेकर होम लोन इंश्योरेंस कराने के लिए कहते हैं। कुछ लेंडर्स उधारकर्ताओं को ऋण सुरक्षा जीवन बीमा पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को बकाया लोन के बारे में परेशान न होना पड़े यदि उधारकर्ता को कुछ होता है। इसलिए, यदि आप होम लोन के साथ एक बीमा पॉलिसी लेने का निर्णय लेते हैं, तो आपको बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होगा - यह अक्सर एक एकल प्रीमियम पॉलिसी होती है जिसे लेंडर अक्सर फाइनेंस करने के लिए तैयार रहते हैं।

नोटरी शुल्क
यदि आप होम लोन लेने वाले एनआरआई हैं तो आपको कुछ अतिरिक्त कागजी कार्रवाई करनी पड़ सकती है। आपके केवाईसी दस्तावेजों और पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) को भारतीय दूतावास या विदेश में उपलब्ध स्थानीय नोटरी द्वारा नोटरीकृत करने की आवश्यकता है, जिसके लिए आपको लागू शुल्क का भुगतान करना होगा।

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