एक अप्रैल से बदलने जा रहे हैं इनकम टैक्स के नियम, जानिए आपकी पॉकेट पर कितना पड़ेगा असर

1 अप्रैल से नए आयकर नियम और कुछ नियमों में बदलाव होने वाले हैं। आइए अगले वित्तीय वर्ष से प्रभावी नए टैक्स नियमों पर एक नजर डालते हैं, जिनसे आपकी पॉकेट पर असर पड़ता हुआ दिखाई दे सकता है।

बिजनेस डेस्क। अगले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल से कुछ अहम इनकम टैक्स रूल्स में बदलाव होने जा रहे हैं। इनमें से कुछ रूल्स पूरी तरह से नए भी हैं। जिनमें क्रिप्टो असेट्स पर इनकम टैक्स, अपडेटिड रिटर्न दाखिल करना, ईपीएफ ब्याज पर नए कर नियम और कोविड -19 उपचार पर कर राहत कुछ बड़े बदलाव हैं जो 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन-कौन से अहम बदलाव हैं जो कि आपकी पॉकेट पर असर डाल सकते हैं।

1) क्रिप्टो टैक्स
भारत में क्रिप्टो असेट्स पर टैक्स सिस्टम 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में धीरे-धीरे लागू होगा। 30 फीसदी टैक्य का प्रावधान वित्तीय वर्ष की शुरुआत में प्रभावी हो जाएगा, जबकि 1 फीसदी टीडीएस से संबंधित प्रावधान 1 जुलाई, 2022 से लागू होंगे। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में  क्रिप्टो असेट्स पर इनकम टैक्स लगाने के संबंध में स्पष्टता आई है। टीडीएस की सीमा निर्दिष्ट व्यक्तियों के लिए प्रति वर्ष 50,000 रुपए होगी, जिसमें ऐसे व्यक्ति/एचयूएफ शामिल हैं जिन्हें आई-टी अधिनियम के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है।

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2) उपहार के रूप में प्राप्त क्रिप्टो टैक्सेबल होगा
साथ ही, अगर आपको क्रिप्टोकरंसी या किसी अन्य वर्चुअल डिजिटल असेट्स के रूप में गिफ्ट मिलता है, तो वह असेट भी टैक्सेबल होगा।

3) क्रिप्टो लॉस को किसी दूसरे असेट्स के अगेंस्ट नहीं किया जा सकता सेटऑफ
भारत सरकार ने क्रिप्टो से जड़ें नॉम्र्स को कड़ा करते हुए कहा है कि वो एक असेट्स होने वाले नुकसान को दूसरे से सेटऑफ नहीं किया जा सकता है। सरकार क्रिप्टो असेट्स की माइनिंग खनन करते समय बुनियादी ढांचे की लागत पर कर छूट की अनुमति नहीं देगी क्योंकि इसे अधिग्रहण की लागत के रूप में नहीं माना जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि आप बिटकॉइन पर 1000 रुपए का लाभ कमाते हैं और इथेरियम पर 700 रुपए का नुकसान उठाते हैं तो तो आपको 1000 रुपए पर कर देना होगा, न कि 300 रुपए के अपने शुद्ध लाभ पर। इसी तरह, आप स्टॉक, म्यूचुअल फंड या रियल एस्टेट जैसी अन्य संपत्तियों में लाभ और हानि के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी पर लाभ और हानि सेट नहीं कर सकते हैं।

4) अपडेटिड आईटी रिटर्न दाखिल करना
एक नया प्रावधान डाला गया है जो टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न में की गई गलतियों गलतियों ठीक करने के लिए एक अपडेटिड रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देता है। करदाता अब रिलेवेंट प्रासंगिक निर्धारण वर्ष के अंत से दो साल के भीतर एक अद्यतन रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

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5) राज्य सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस कटौती
राज्य सरकार के कर्मचारी अब नियोक्ता द्वारा अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 14 फीसदी तक एनपीएस योगदान के लिए धारा 80सीसीडी (2) के तहत कटौती का दावा कर सकेंगे, जो कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कटौती के अनुरूप है। कहा खंड।

6) पीएफ खाते पर टैक्स
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 1 अप्रैल से आयकर (25वां संशोधन) नियम 2021 को लागू करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि खाते पर 2.5 लाख रुपए तक के कर-मुक्त योगदान की सीमा लगाई जा रही है। यदि इससे ऊपर योगदान किया जाता है, तो ब्याज आय पर कर लगेगा।

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7) एलटीसीजी पर सरचार्ज
वर्तमान में, लिस्टिड इक्विटी या म्यूचुअल फंड की बिक्री पर लांग टर्म कैपिटल गेंस पर 15 फीसदी सरचार्ज की लिमिट है। 1 अप्रैल 2022 से, इस कैप को सभी संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ तक बढ़ा दिया जाएगा।

8) धारा 80ईईए के तहत लाभ को हटाना
सरकार पहली बार घर खरीदारों को धारा 80 ईईए के तहत टैक्स छूट का फायदा देना बंद करने जा रही है। 45 लाख रुपए तक लोन पर अतिरिक्त 1.50 लाख की टैक्स छूट नहीं दी जाएगी।

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9) कोविड-19 के इलाज के खर्च पर टैक्स में राहत
कोरोना के इलाज के लिए मिले रुपयों पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा। कोरोना से किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार को मिलने वाले पैसों को भी टैक्स के दायरे से बाहर किया गया है। इसके लिए भी क्लॉज रखा गया है। पहला तो यह है ककि रुपया कोविड से हुई मौत के12 महीनों के भीतर मिला हो। दूसरा, जो राशि मिली है वो 10 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

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